कारगिल विजय दिवस पर पीएम मोदी ने किया अग्निपथ योजना का बचाव , कांग्रेस ने किया पलटवार

प्रधानमंत्री मोदी ने विजय दिवस पर कारगिल युद्ध स्मारक पर बोलते हुए कहा कि अग्निपथ योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों का कायाकल्प करना है।

विपक्ष और एनडीए के कुछ सहयोगी दलों द्वारा अग्निपथ योजना की समीक्षा की मांग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सैन्य भर्ती नीति का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य सशस्त्र बलों में नई जान फूंकना और उन्हें युद्ध के लिए लगातार फिट रखना है। हालांकि, कांग्रेस 2022 में शुरू की गई इस योजना को खत्म करने की अपनी मांग पर अड़ी रही। कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर लद्दाख के द्रास में एक सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

पीएम मोदी ने कहा, “कुछ लोग यह गलतफहमी फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन का पैसा बचाने के लिए यह योजना लेकर आई है। आज के जवानों के लिए पेंशन का सवाल 30 साल बाद उठेगा। सरकार आज इस पर फैसला क्यों लेगी? इसे उस समय की सरकारों पर छोड़ देना चाहिए था। हमने सशस्त्र बलों द्वारा लिए गए इस फैसले का सम्मान किया है क्योंकि हम ‘ राष्ट्रनीति ‘ के लिए काम करते हैं, ‘ राजनीति ‘ के लिए नहीं।”

अग्निपथ योजना के तहत सेना, नौसेना और वायुसेना में चार साल के अल्पकालिक अनुबंध पर कर्मियों की भर्ती की जाती है। कुल वार्षिक भर्तियों में से केवल 25% को स्थायी कमीशन के तहत अगले 15 वर्षों तक जारी रहने की अनुमति दी जाती है। दरअसल, भाजपा की एक आंतरिक रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के पीछे अग्निपथ योजना के प्रति गुस्से को एक कारण बताया गया है।

कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी सैनिकों की परवाह नहीं की और वन रैंक वन पेंशन योजना के बारे में भी झूठ बोला। प्रधानमंत्री मोदी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि यह योजना किसी भी तरह से सशस्त्र बलों की क्षमता और योग्यता को मजबूत नहीं करती है।

उन्होंने कहा, “अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों में आवश्यक प्रशिक्षण और लाभ के बिना अल्पकालिक प्रवेश है। आगे बढ़ने के लिए एक पेशेवर सेना को व्यापक प्रशिक्षण और पूर्ण कमीशन की आवश्यकता होती है।”

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