संसद शीतकालीन सत्र 2025 लाइव: लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ पर विशेष चर्चा, दोपहर 12 बजे पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

संसद का शीतकालीन सत्र आज छठे दिन प्रवेश कर चुका है, जहां लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष 10 घंटे की चर्चा का आयोजन हो रहा है। यह बहस राष्ट्रीय गीत के ऐतिहासिक महत्व, स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका और वर्तमान संदर्भ को रेखांकित करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12 बजे इस चर्चा का उद्घाटन करेंगे, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समापन भाषण देंगे। एनडीए को लोकसभा में 3 घंटे का समय मिला है।

बैंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 7 नवंबर 1875 को ‘बंगदर्शन’ पत्रिका में पहली बार प्रकाशित ‘वंदे मातरम’ को रवींद्रनाथ टैगोर ने संगीतमय रूप दिया था। यह गीत 1882 में उपन्यास ‘आनंदमठ’ का हिस्सा बना और स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक बन गया। पीएम मोदी ने 7 नवंबर को ही इसकी वर्षगांठ पर एक वर्षीय समारोह का उद्घाटन किया था, जहां उन्होंने इसे ‘मंत्र, ऊर्जा और संकल्प’ बताया। राज्यसभा में यह बहस 9 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह के उद्घाटन के साथ शुरू होगी।

प्रमुख अपडेट्स:

  • सुबह 11 बजे से प्रश्नकाल: लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद 12 बजे बहस शुरू। विपक्ष ने SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) और चुनाव सुधारों पर बहस की मांग की थी, लेकिन वंदे मातरम को प्राथमिकता दी गई।
  • कांग्रेस की रणनीति: कांग्रेस ने गौरव गोगोई, प्रियंका गांधी वाड्रा, दीपेंद्र हुडा, बिमोल अकोइजम, प्रणिति शिंदे, प्रशांत पडोल, चमाला रेड्डी और ज्योत्स्ना महंत को बोलने का मौका दिया। जयराम रमेश ने पीएम के 1937 में गीत के कुछ छंद हटाने के आरोपों पर पलटवार किया, कहा कि यह गांधी, नेहरू, पटेल, बोस, प्रसाद और आजाद जैसे नेताओं का सामूहिक फैसला था।
  • बीजेपी का पक्ष: गिरिराज सिंह ने कहा, “कुछ लोग वंदे मातरम को नहीं मानते, लेकिन बाबरी मस्जिद पर विश्वास करते हैं।” कंगना रनौत ने कांग्रेस पर गीत को ‘महिला-विरोधी’ बताकर दुर्गा का सार हटाने का आरोप लगाया। चिराग पासवान ने युवाओं से अपील की कि वे बहस सुनें और गीत के एकता के भाव को समझें।
  • विपक्षी दृष्टिकोण: आरजेडी के मनोज झा ने कहा, “यह बहस इतिहास और वीरता पर होनी चाहिए, न कि दोषारोपण पर।” सीपीआई के पी संदोष ने बीजेपी पर लोगों को बांटने का आरोप लगाया। प्रेम सिंह ने कहा, “वंदे मातरम को राष्ट्रीय गीत बनाने का श्रेय कांग्रेस को।”
  • अन्य प्रतिक्रियाएं: सुदा मूर्ति ने कहा, “यह गीत ने सभी राज्यों को जोड़ा और देश को जगाया।” दिनेश शर्मा ने इसे “राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक” बताया।

यह बहस शीतकालीन सत्र (1-19 दिसंबर) का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां 9-10 दिसंबर को चुनाव सुधारों पर बहस होगी। अपडेट्स के लिए बने रहें।

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