‘NiPAH’ वायरस से अब तक 11 की मौत, जानिए लक्षण और बचाव का तरीका
कोझिकोड: केरल के कोझिकोड जिले में पिछले दो हफ्तों में ‘निपाह’ वायरस ने 11 लोगों को अपने आगोश में ले लिया। निपाह वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए केरल के स्वास्थ्य मंत्री के. श्यामा ने सभी अधिकारियों के साथ मिलकर बैठकर की। बैठक में मंत्री ने खून के सैंपल को जल्द से जल्द पुणे के राष्ट्रीय विषाणु संस्थान भेजने की बात कही है। साथ ही इस पर सख्त कदम उठाने की बात कही है।
केरल के कोझिकोड में पसारे पांव
अब तक इस वायरस में 11 लोगों को मौत हुई है। 20 मई, रविवार को इस वायरस से एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई साथ ही दो अन्य की भी मौत की खबर सामने आई है। अस्पताल में काम रही नर्स की इस वायरस से मौत हो गई। ये वायरस और आगे न बढ़े इसके चलते नर्स का शव उसकी फैमली को न देते हुए उसका तुरंत अंतिम संस्कार करा दिया गया।
श्यामा की अध्यक्षिता में हुई बैठक के बाद कोझिकोड के जिलाधिकारी और स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. आर. एल. सरिता ने इस स्थिति से निपटने के लिए विशेष कार्यकम की शुरूआत की है। इसमें तुरंत स्थिति से निपटने के लिए आपात उपचार की व्यवस्था की गई है।
केंद्र से लगाई मदद की गुहार
इस वायरस की वजह से बढ़ती लोगों की मौत के सिलसिले को देखते हुए पहले लोकसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने केंद्र से मदद मांगी है। शनिवार को इस वायरस से 50 वर्षीय महिला की अस्पताल में ही मत्यु हो गई थी।
तेजी से फैलता है ‘निपाह’
रामचंद्रन ने अपने पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से कहा कि उनके लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वताकरा में कुट्टियाडी तथा पेरम्ब्रा सहित कुछ पंचायत क्षेत्र में यह वायरस तेजी से फैल रहा है। डॉक्टरों ने इस वायरस को बेहद खतरनाक और तेजी से फैलने वाला बताया है। कुछ डॉक्टर इस वायरस को जूनोटिक वायरस का भी नाम दे रहे हैं।
लक्षण
इस वायरस से प्रभावित लोगों को सांस लेने की दिक्कत होती है फिर दिमाग में जलन महसूस होती है। वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर मौत भी सकती है।
इंसानों में निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से ब्रेन में सूजन हो जाना।
शुरुआत में सिरदर्द,बुखार,चक्कर आना।
डॉक्टरों के मुताबिक कुछ मामलों में 24-28 घंटे के अंदर लक्षण बढ़ने पर मरीज कोमा में भी चला जाता है।
बचाव
अब तक इस वायरस से जुड़ी कोई वैक्सीन नहीं आई है। इस वायरस से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए।
पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए।
यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। इसे रोकने के लिये संक्रमित रोगी से दूरी बनाए रखने की जरूरत होती है।
मरीज की देखभाल वायरस से ठीक करने का एकमात्र तरीका है। संक्रमित जानवर खासकर सुअर को हमेशा अपने से दूर रखें।