
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में स्थित भरथना रेलवे स्टेशन इन दिनों बंदरों के आतंक से जूझ रहा है। प्लेटफॉर्म पर दर्जनों बंदरों का झुंड दिनभर घूमता रहता है, जो यात्रियों के हाथ से खाना-पानी, बैग, मोबाइल और अन्य सामान छीनकर भाग जाता है। इससे स्टेशन पर भगदड़ जैसी स्थिति बार-बार बन रही है, खासकर सुबह-शाम ट्रेनों के आने-जाने के समय। महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा डरे-सहमे रहते हैं, क्योंकि बंदर आक्रामक होकर हमला कर देते हैं।
हाल ही में एक बंदर ओएचई (ओवरहेड इलेक्ट्रिक) लाइन की चपेट में आकर घायल हो गया। यात्रियों ने मानवता दिखाते हुए उसे उठाकर नजदीकी पशु अस्पताल पहुंचाया। लेकिन बंदरों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि स्टेशन को ‘मंकी टाउन’ कहा जाने लगा। यात्री प्लेटफॉर्म पर खड़े होने से भी कतराते हैं, ट्रेन पकड़ने में दिक्कत होती है और कई बार छोटी-मोटी चोटें लग जाती हैं। यात्रियों का कहना है कि रेलवे प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा, जबकि शिकायतें लगातार की जा रही हैं।
रेलवे के लिए बंदरों की यह समस्या नई नहीं है। देशभर में कई स्टेशनों पर लंगूर के कटआउट लगाकर या उनकी आवाज बजाकर बंदर भगाए जाते हैं, लेकिन भरथना में अभी तक ऐसा कोई इंतजाम नहीं हुआ।




