कोडीन कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट पर ED का धमाका: 1000 करोड़ के रैकेट में 25 ठिकानों पर छापे, मुख्य आरोपी दुबई फरार; सहारनपुर समेत 6 शहरों में कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी के बहु-करोड़ के सिंडिकेट पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार सुबह 7:30 बजे शुरू हुई छापेमारी में उत्तर प्रदेश, झारखंड और गुजरात के 25 ठिकानों पर दबिश दी गई, जहां से वित्तीय लेन-देन, हवाला रूट्स, विदेशी कनेक्शन और नकली दस्तावेजों के सबूत जुटाए जा रहे हैं।

यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश पुलिस की 30 से अधिक FIRs पर आधारित मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है, जो कोडीन-आधारित सिरप (जैसे कोल्ड्रिफ, फेन्सिडिल) की अवैध स्टॉकिंग, परिवहन, व्यापार और सीमा-पार तस्करी से जुड़ी है।

छापों के दायरे में लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश), रांची (झारखंड) और अहमदाबाद (गुजरात) शामिल हैं। ED की लखनऊ जोनल यूनिट ने मुख्य आरोपी शुबham जायसवाल (वाराणसी-आधारित मेडिसिन डीलर), उनके सहयोगी अलोक सिंह, अमित सिंह, कुछ कफ सिरप निर्माताओं और चार्टर्ड अकाउंटेंट विष्णु अग्रवाल से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया। जायसवाल वर्तमान में दुबई फरार है, जबकि उनके पिता भोला प्रसाद पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। ED ने PMLA के तहत ECIR दर्ज किया है, और जांच में नेपाल, बांग्लादेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश तक फैले नेटवर्क का खुलासा हुआ है।

इस मामले में अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस और STF ने 32 से अधिक गिरफ्तारियां की हैं, जिनमें सहारनपुर के 6 लोग—विभोर, विशाल, सचिन, बिट्टू—शामिल हैं। STF ने इन्हें कोडीन सिरप की तस्करी और वितरण में शामिल पाया। CRPF की सुरक्षा में ED की टीमें दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड, बैंक ट्रेल्स और जब्त कम्युनिकेशन डेटा की छानबीन कर रही हैं।

यूपी सरकार ने SIT गठित की है, जो ED और पुलिस के बीच समन्वय सुनिश्चित करेगी। अधिकारियों का अनुमान है कि इस रैकेट का टर्नओवर 1000 करोड़ रुपये से अधिक है, जो नशीली दवाओं को रिक्रिएशनल ड्रग के रूप में बेचने पर आधारित था।

यह कार्रवाई मध्य प्रदेश में कफ सिरप से जुड़ी मौतों के बाद तेज हुई जांच का नतीजा है। सिंडिकेट ने नकली लाइसेंस और फर्जी फर्मों के जरिए निर्माताओं से सिरप खरीदा, फिर री-लेबल कर राज्यों और विदेशों में तस्करी की। ED का कहना है कि यह स्वास्थ्य और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा था, और पूरी साजिश को उजागर करने के लिए जांच जारी रहेगी।

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