बहराइच महाराजगंज हिंसा: रामगोपाल हत्याकांड में सरफराज को फांसी, 9 दोषियों को उम्रकैद; कोर्ट ने लगाया 1-1 लाख जुर्माना

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महाराजगंज में 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा के चर्चित रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड में गुरुवार को अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया।

मुख्य आरोपी सरफराज उर्फ रिंकू को फांसी की सजा दी गई है, जबकि उसके पिता अब्दुल हमीद, भाई समेत 9 अन्य दोषियों—फहीम, सैफ अली, जावेद खान, तालिब उर्फ सबलू, ईसान, सुएब खान, ननकऊ और मारूफ—को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। सभी दोषियों पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, जो अपराध की गंभीरता को रेखांकित करता है।

हादसे की पूरी घटना: महराजगंज बाजार में शाम करीब 6 बजे दुर्गा विसर्जन जुलूस निकल रहा था। डीजे पर गाना बजाने को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो जल्द ही हिंसक झड़प में बदल गया। विवाद के दौरान 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा ने एक इमारत पर हरा झंडा हटाकर भगवा फहराने की कोशिश की, जिसके बाद उन पर पथराव हुआ।

सरफराज ने सीने में गोली मार दी, फिर भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस हिंसा में आगजनी और तोड़फोड़ भी हुई, जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने 13 अभियुक्तों के खिलाफ चालान पेश किया, और 14 महीने की सुनवाई के बाद यह सजा सुनाई गई।

फैसले के बाद मृतक रामगोपाल के परिवार और स्थानीय हिंदू समुदाय ने इसे न्याय की जीत बताया। परिवार ने कहा कि यह सजा भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने वाली चेतावनी है।

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