पूर्वांचल के बाद गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास कर सकते हैं नरेंन्द्र मोदी

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के बाद अब गंगा एक्सप्रेस-वे को लेकर कवायद तेज हो गई है। मेरठ के जिलाधिकारी के बालाजी का कहना है कि कॉन्ट्रेक्टर एजेंसी नियुक्त हो जाती है तो कंस्ट्रक्शन चालू करने की स्थिति में प्रशासन तैयार है। गंगा एक्सप्रेस वे को लेकर भूमि अधिग्रहण कर रहे हैं। इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण करने के बाद जमीन का बैनामा के जरिए जमीन खरीद चुके हैं। उन्होंने कहा कि 8 से 10 हेक्टेयर भूमि में जहां सहमति नहीं है, जमीन अधिग्रहण कानून के तहत कार्रवाई करेंगे। शिलान्यास पर निर्णय लखनऊ स्तर पर लिया जाएगा। इसे 2025 तक पूरा करने की योजना है। बहुत जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास कर सकते हैं।

गौरतलब है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के बाद अब गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पर सरकार काफी सक्रिय दिख रही है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि पश्चिम से पूर्व तक की दूरी एक्सप्रेस-वे के माध्यम से 5 से 6 घंटे में पूरी हो सके। इसके लिए यूपीडा ने एक्सप्रेस-वे का जाल बिछा दिया है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को उन्नाव में गंगा एक्सप्रेस-वे से लिंक किया जाएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए मेरठ में 9 गांवों की 181 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।

मेरठ में भूमि क्रय की प्रक्रिया लगभग पूरी की जा चुकी है। अब मात्र 23 हेक्टेयर भूमि क्रय किया जाना है. इसके रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है, जिससे किसानों के बीच जाकर उन्हें एक्सप्रेस-वे की खासियत बताई जा सके। गंगा एक्सप्रेस-वे में मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज शहरों को शामिल किया गया है।

गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ में मेरठ-बुलंदशहर रोड एनएच -334 पर बिजौली गांव से शुरू होने और प्रयागराज में एनएच -19 पर बाईपास के पास जुदापुर डांडो गांव में समाप्त होने के लिए प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबा, पूरी तरह से एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेस-वे होगा। इसे 2025 तक पूरा करने की योजना है. मेरठ बुलंदशहर हाइवे से जुड़ने के बाद पर्यटकों के लिए हस्तिनापुर पहुंचना भी आसान हो जाएगा। बहुत जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण है कि मेरठ दिल्ली एक्सप्रेस-वे का तोहफा मेरठ को पहले ही मिल चुका है। मेरठ दिल्ली एक्सप्रेस-वे का तोहफा मिलने से अब मेरठ से दिल्ली का सफर मात्र 45 मिनट का ही रह गया है। आने वाले वर्षों में पश्चिम से पूरब की दूरी भी चंद घंटों की रह जाएगी।

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