यूपी के गाजीपुर में प्रशासन ने नहीं दी अखिलेश को जनसभा करने की अनुमति
पूर्व मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव को गाजीपुर की जिला प्रशासन ने 16 नवंबर के दिन रथयात्रा और जनसभा करने की इज़ाजत नहीं दी है। प्रशासन ने इसके पीछे की वज़ह नरेन्द्र मोदी का कार्यक्रम बताया। यानी कि 16 नवंबर को यूपी के गाजीपुर में अखिलेश और नरेन्द्र मोदी दोनों की ही जनसभा एक साथ पड़ी। लेकिन प्रशासन ने अखिलेश यादव को उस दिन रथयात्रा और जनसभा की अनुमति नहीं दी, बल्कि उनसे आगे किसी समय में यात्रा करने को कह दिया है।
तय समय के अनुसार अखिलेश यादव 16 नवंबर को गाजीपुर आएंगे। वहां से फिर वो आजमगढ़ के लिए रवाना होगे। गाजीपुर में अखिलेश की इस यात्रा को राजनैतिक मतलब निकाले जा रहे हैं। इसके साथ ही इस यात्रा को इत्फाक नहीं बल्कि बीजेपी को जवाब देने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। अखिलेश यादव की यात्रा का दिन उसी दिन प्रस्तावित है जिस दिन पीएम मोदी सुल्तानपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे।
बीजेपी सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही है। तो वहीं एसपी सुप्रीमो इसको अपने कार्यकाल की उपलब्धि बता रहे है। इस एक्सप्रेसवे का डीपीआर अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में तैयार करवाया गया था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी सरकार आई और उसने इस योजना को भी प्राथमिकता पर रखते हुए इसका निर्माण कराया। बीजेपी और एसपी में इस एक्सप्रेसवे को अपनी उपलब्धियों की फेहरिस्त में शामिल करने को होड़ मची हुई है।
सोशल मीडिया पर इस होड़ को देखते हुए लोगों ने अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया देने लगे है। एक यूज़र लिखता है- मतलब कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही सरकार, तो वहीं दूसरे यूज़र लिखते है कि- जब विजय नही तो कौन सी विजय यात्रा। अखिलेश यादव की यह विजय यात्रा नही, तुस्टीकरण यात्रा हैं जो समाजवादी पार्टी के नाम पर नफ़रत, बाहुबल, गुंडागर्दी को बढ़ावा देती हैं। संजय शाह ने उन्हें जवाब देते हुए लिखा- क्या देश सिर्फ मोदी का है। क्या उनका कोई कार्यक्रम हो तो क्या देश के बाकी नेता कोइ कार्यक्रम नही कर सकते है। यह कौन से कानून में लिखा है या सिर्फ पीएम के कार्यक्रम में भीड़ लाने में आप मदद कर रहे हैं। सिर्फ पार्टिंयों के बीच ही जंग नहीं बल्कि लोगों के बीच भी ऐसी जंग देखने को मिल रही है।