मप्र में सहकारी बैंक व समितियां किसानों से लेंगे पुराने नोट

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में नगद भुगतान की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा, “जिन किसानों का सहकारी बैंक अथवा सहकारी समिति में ऋण खाता है, उसमें ऋण अदायगी के लिए 500 या 1000 रुपये के पुराने नोट स्वीकार करें, ताकि किसान, मजदूर और आम नागरिक को नगद भुगतान में कोई असुविधा न हो।” उन्होंने शनिवार को अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रशासनिक सूझबूझ के साथ कार्य करते हुए सहज भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

सहकारी समिति

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बड़े नोटों का चलन बंद होने से प्रदेश के किसानों को असुविधा से बचाने के लिए निर्णय लिया गया है कि किसानों को मंडी में नकद भुगतान के साथ ही आरटीजीएस, बैंक ड्राफ्ट, बैंकर्स चेक या अकाउंट पेयी चेक से भुगतान प्राप्त करने की स्वतंत्रता होगी। किसान स्थिति के अनुसार स्वयं विकल्प चुन सकते हैं।

चौहान ने भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों से कहा कि आरटीजीएस भुगतान की समयावधि अपराह्न् चार बजे से बढ़वाकर शाम छह बजे तक करवाने के प्रयास किए जाएं।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बैंक अगले 15 दिवस के लिए बैंकिंग सुविधा बड़ी मंडियों के प्रांगण में भी दें। उन्होंने कहा कि जो किसान अपना अनाज मंडियों में ले आए हैं और वे अपने कृषि उत्पाद कृषि उपज मंडी के गोदाम में रखना चाहते हैं, वे 15 दिसंबर तक नि:शुल्क रख सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने मंडी बोर्ड के आयुक्त को निर्देशित किया कि व्यापारियों को तत्काल एक हजार पर्ची वाली चेकबुक बैंकों से शीघ्र उपलब्ध करवाएं, ताकि बड़ी मात्रा में भुगतान किया जा सके।

उन्होंने मंडियों व्यापारियों की साख सीमा (क्रेडिट लिमिट) बढ़वाने के निर्देश भी दिए और कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के सहज और सरल भुगतान की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

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