
सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता माणिकराव कोकाटे को बड़ी राहत दी।

सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता माणिकराव कोकाटे को बड़ी राहत दी। शीर्ष न्यायालय ने इस मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा से उनकी अयोग्यता पर भी रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई की, जिसमें 1995 के धोखाधड़ी मामले में कोकाटे की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था। इसके अलावा, मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की अवकाशकालीन पीठ ने कोकाटे की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया।
गौरतलब है कि माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे को 1995 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षित आवास योजना के कथित दुरुपयोग से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराया गया था। यह मामला 10 प्रतिशत कोटा का अनुचित लाभ उठाने से संबंधित था, और दोनों भाइयों को धोखाधड़ी और जालसाजी जैसे आरोपों में दोषी पाया गया था। इससे पहले नासिक की एक अदालत द्वारा आवास घोटाले में दोषी पाए जाने के बाद कोकाटे ने महाराष्ट्र मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी प्रमुख अजीत पवार को सौंपा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया।





