
उत्तर प्रदेश के रामपुर में एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को दो पासपोर्ट मामले में दोषी ठहराते हुए सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 50 हजार रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया गया है।
अब्दुल्ला इस समय दो PAN कार्ड मामले में मिली सात साल की सजा काट रहे हैं, जहां उन्हें नवंबर 2025 में दोषी ठहराया गया था। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया।
यह मामला 2019 का है, जब भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला ने गलत और जाली दस्तावेजों के आधार पर दो पासपोर्ट बनवाए, जिनमें जन्मतिथि में विरोधाभास है। उनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों (हाईस्कूल, बीटेक और एमटेक) में जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है, जबकि पासपोर्ट नंबर Z-4307442 में 30 सितंबर 1990 अंकित है। इस पासपोर्ट का इस्तेमाल उन्होंने विदेश यात्राओं, व्यापारिक कार्यों, पहचान पत्र और विभिन्न पदों के लिए आवेदन में किया, जो आर्थिक लाभ के लिए था।
अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि अब्दुल्ला ने जानबूझकर इन दस्तावेजों का दुरुपयोग अनुचित लाभ हासिल करने के लिए किया। इस मामले में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जाली दस्तावेज बनाना), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग) के साथ-साथ पासपोर्ट एक्ट की धारा 12(1)(क) के तहत अपराध दर्ज है।
अब्दुल्ला ने इस मुकदमे को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुनवाई फिर शुरू हुई, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया। दो PAN कार्ड मामले में भी उसी तरह जन्मतिथि में विसंगति का आरोप था, जहां अब्दुल्ला को चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु पूरी करने के लिए फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल करने का दोषी ठहराया गया।
यह सजा अब्दुल्ला के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि वे पहले से ही जेल में हैं। आजम खां परिवार पर कानूनी कार्रवाइयों का सिलसिला 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद से जारी है।




