SIR पर अखिलेश का केंद्र और चुनाव आयोग पर तीखा प्रहार: लोकसभा हार के बाद वोट काटने की साजिश, हर सीट से 50,000 नाम हटाने का आरोप; कार्यकर्ताओं को अलर्ट

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें कड़ा घेरा।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद साजिश रच रही है, जिसमें विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) का सहारा लेकर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में विपक्षी दलों के मजबूत इलाकों से प्रति विधानसभा क्षेत्र 50,000 से अधिक मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं। यह आरोप उत्तर प्रदेश समेत 11 अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे SIR अभियान के बीच सामने आए हैं।

अपने पिता और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की जयंती पर लखनऊ के पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने कहा, “भाजपा जनता के मुद्दों पर हारने लगी तो चुनाव जीतने का नया रास्ता तलाश लिया। हमें खबर है कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भाजपा चुनाव आयोग की मिलीभगत से बड़ी साजिश रच रही है।” उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा को 255 सीटें मिली थीं, लेकिन आम चुनावों में उनकी बढ़त महज 162 विधानसभा क्षेत्रों तक सिमट गई। वहीं, सपा की सीटें 111 से बढ़कर 183 हो गईं, जबकि कांग्रेस को 2 से 40 क्षेत्रों में बढ़त मिली। कन्नौज जैसे सीटों को निशाना बनाए जाने का भी जिक्र किया।

अखिलेश ने शादी-विवाह के सीजन में SIR चलाने पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उत्तर प्रदेश में इसकी समय सीमा तीन महीने बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि आयोग को सभी दलों के लिए पारदर्शी एसओपी जारी करनी चाहिए। इसके अलावा, हाल के उपचुनावों में आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए, जहां सपा की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने एक वायरल ऑडियो क्लिप का भी जिक्र किया, जिसमें कथित तौर पर एक एसडीएम SIR से जुड़ी तकनीकी अनियमितताओं पर बात कर रहा था।

सपा प्रमुख ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे बूथ स्तर पर मतदाता सूचियां गहन जांच करें, योग्य मतदाताओं को जोड़ें, डुप्लिकेट नाम हटवाएं और किसी भी गड़बड़ी की तुरंत पार्टी हेडक्वार्टर को सूचना दें। उन्होंने चेतावनी दी कि चुनावों में 414 दिन शेष हैं, लेकिन सपा कार्यकर्ता इस ‘वोट काटने की साजिश’ को नाकाम करने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं। भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि SIR राजस्थान जैसे गैर-चुनावी राज्यों में भी चल रहा है और यह विपक्ष का ‘वोट बैंक बचाने का रोना’ है।

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