
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की अदालत ने सोमवार को एक चीनी महिला को भारत में बिना वैध दस्तावेज के अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में 8 साल की साधारण कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही आरोपी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
यह सजा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कविता निगम ने सुनाई, जिन्होंने महिला को भारतीय दंड संहिता की धारा 14 (सीमा उल्लंघन) के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने तर्क दिया कि विदेशी नागरिक का बिना अनुमति के प्रवेश राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है, और इसकी सजा अधिकतम होनी चाहिए।
महिला का नाम ली जिन मेयी उर्फ ली शिनमेई (45 वर्ष) है। जांच के अनुसार, वह 2 दिसंबर 2023 को नेपाल से भारत-नेपाल सीमा के रास्ते बहराइच के रुपईडिहा क्षेत्र में बिना वीजा या वैध पासपोर्ट के घुसी थी। वह बौद्ध भिक्षु के वेश में थी, जिससे सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के 42वें बटालियन के जवानों को संदेह हुआ। पकड़े जाने के बाद पूछताछ में उसने बताया कि वह चीन की रहने वाली है, लेकिन भारत आने का कोई वैध कारण नहीं बता सकी। उसके पास कोई यात्रा दस्तावेज नहीं मिला, जो जांच एजेंसियों के लिए सुरक्षा संबंधी चिंता का विषय बना।
अदालत की टिप्पणियां
अदालत ने कहा कि आरोपी का भारत में अनियोजित उपस्थिति बिना दस्तावेज के राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल उठाती है। सजा में उसकी पूर्व-निर्णय हिरासत की अवधि को समायोजित करने का आदेश दिया गया है। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि ऐसी घटनाएं सीमा सुरक्षा को कमजोर करती हैं, इसलिए कड़ी सजा जरूरी है। यह मामला बहराइच के रुपईडिहा थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जो नेपाल सीमा से सटा हुआ है और अवैध घुसपैठ के लिए संवेदनशील माना जाता है।




