
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने बुधवार को दिल्ली के रेड फोर्ट के पास हुए कार विस्फोट को ‘साफ तौर पर आतंकी हमला’ करार दिया। उन्होंने भारत की जांच एजेंसियों के पेशेवर रवैये की सराहना की और कहा कि अमेरिका ने सहायता का प्रस्ताव दिया था, लेकिन भारतीय एजेंसियां खुद ही पूरी तरह सक्षम हैं। यह बयान कनाडा के ओंटारियो में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर एक मीडिया वार्ता के दौरान आया।
रूबियो ने कहा, “यह जांच अभी जारी है। भारत ने इसे बहुत सधे और सतर्क तरीके से संभाला है। वे काफी पेशेवर रहे हैं। यह साफ तौर पर एक आतंकी हमला था, जहां एक कार खतरनाक विस्फोटकों से लदी हुई थी, जिसने कई लोगों की जान ले ली।” उन्होंने आगे जोड़ा, “मुझे लगता है कि वे जांच में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। जब उनके पास तथ्य होंगे, तब वे उन्हें सामने रखेंगे।” रूबियो ने भारत के अपने समकक्ष एस जयशंकर से इस मुद्दे पर बातचीत का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने सहायता की पेशकश की, लेकिन भारत को इसकी जरूरत नहीं है। “वे खुद ही इन जांचों में बहुत सक्षम हैं और अच्छा काम कर रहे हैं।”
जयशंकर-रूबियो की मुलाकात
जी7 बैठक के साइडलाइन्स पर जयशंकर और रूबियो के बीच द्विपक्षीय चर्चा हुई। रूबियो ने दिल्ली धमाके में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की। जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया, “रूबियो के दिल्ली विस्फोट में जान गंवाने वालों पर संवेदना व्यक्त करने की सराहना करता हूं। हमने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की, जिसमें व्यापार और सप्लाई चेन पर फोकस रहा। यूक्रेन संघर्ष, मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया स्थिति और इंडो-पैसिफिक पर विचार साझा किए।”
गौरतलब है कि मंगलवार को अमेरिकी दूतावास ने इसे ‘विस्फोट’ बताते हुए संवेदना जताई थी। लेकिन बुधवार को भारत द्वारा इसे आधिकारिक रूप से ‘आतंकी घटना’ घोषित करने के बाद रूबियो ने भी यही शब्द इस्तेमाल किया। सोमवार शाम (10 नवंबर 2025) को रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास हुए इस धमाके में 13 लोगों की मौत हुई और 25 से अधिक घायल हुए। एनआईए की जांच में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से लिंक और फरीदाबाद के ‘सफेदपोश’ डॉक्टर मॉड्यूल का पता चला है।
रूबियो का बयान भारत-अमेरिका के मजबूत रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है, जहां दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं।





