दिल्ली रेड फोर्ट ब्लास्ट: सीसीटीवी में दिखी i20 कार; 9 की मौत, फरीदाबाद मॉड्यूल का कश्मीर कनेक्शन

दिल्ली के लाल किले के निकट सोमवार शाम को हुए भयानक कार विस्फोट की जांच में सीसीटीवी फुटेज से महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। विस्फोट में इस्तेमाल सफेद रंग की हुंडई i20 कार सुएहरी मस्जिद के पास लगभग तीन घंटे तक खड़ी रही और धमाके से महज कुछ मिनट पहले वहां से रवाना हुई। इस हादसे में कम से कम आठ से नौ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक घायल हैं। जांच एजेंसियां फरीदाबाद स्थित एक आतंकी मॉड्यूल और जम्मू-कश्मीर के संदिग्धों के लिंक की पड़ताल कर रही हैं।

सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, हरियाणा नंबर (HR26CE7674) वाली यह कार दोपहर 3:19 बजे लाल किले के पास पार्किंग क्षेत्र में सुएहरी मस्जिद के निकट पहुंची और शाम 6:48 बजे वहां से निकल गई। विस्फोट करीब 6:52 बजे सुभाष मार्ग पर रेड लाइट पर खड़ी कार में हुआ, जब इलाका पर्यटकों और स्थानीय लोगों से भरा हुआ था। एक अन्य फुटेज में कार को घनी शाम की ट्रैफिक में जाते देखा गया, जिसमें चालक काले मास्क में नजर आ रहा है। जांचकर्ताओं को शक है कि यह चेहरा फरीदाबाद के फरार डॉक्टर उमर मोहम्मद का है, जो पहले से ही एक आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है। दिल्ली पुलिस के स्रोतों के मुताबिक, फुटेज और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर कम से कम 13 संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया और मंगलवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा करने की बात कही। उन्होंने कहा, “विस्फोट की सभी संभावनाओं की जांच की जा रही है। सभी विकल्पों को ध्यान में रखते हुए गहन जांच होगी।” दिल्ली पुलिस ने यूएपीए और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

कश्मीर कनेक्शन पर नजर

जांच का दायरा दिल्ली से बाहर फैल चुका है। जम्मू-कश्मीर में रात भर छापेमारी की गई। शोपियां में नदीगाम के इमरान उर्फ मौलवी के घर पर दबिश दी गई, जिसका नाम घटना से जुड़े आतंकी मॉड्यूल की सूची में था। पुलवामा के खारपुरा संबुरा में टिपर ड्राइवर तारिक अहमद डार (38) को हिरासत में लिया गया, जो रिटायर्ड पटवारी का बेटा है। खुफिया स्रोतों के अनुसार, यह मॉड्यूल फरीदाबाद से जुड़ा है, जहां हाल ही में 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किए गए थे।

मालिकाना हक की जटिल चेन

दिल्ली पुलिस ने हुंडई i20 के मालिकाना हक का पता लगाया है, जो कई स्तरों पर स्थानांतरण की जटिल श्रृंखला दर्शाता है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, कार मूल रूप से मोहम्मद सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जिसे बाद में नदीम को बेचा गया। नदीम ने इसे फरीदाबाद के सेक्टर 37 स्थित रॉयल कार जोन डीलरशिप को सौंप दिया। उसके बाद कार आमिर के पास गई, फिर पुलवामा के तारिक के पास पहुंची, जो फरीदाबाद मॉड्यूल का सदस्य माना जा रहा है। अंततः यह डॉक्टर उमर मोहम्मद के पास पहुंची, जो मुख्य संदिग्ध है।

आमिर और तारिक से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही है कि क्या ये हस्तांतरण वैध थे या मालिकाना हक छिपाने की साजिश। रिकॉर्ड में 20 सितंबर 2025 को फरीदाबाद में अवैध पार्किंग के लिए चालान भी दर्ज है। संदेह है कि धोखाधड़ी वाले दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया, क्योंकि कई लेन-देन अनौपचारिक थे और आधिकारिक पंजीकरण नहीं हुआ। आरसी अभी भी सलमान के नाम पर है।

फिलहाल, चांदनी चौक के विस्फोट स्थल को सील कर दिया गया है, जहां फॉरेंसिक टीमें विश्लेषण कर रही हैं। धमाके ने आसपास की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया और दुकानों के शटर तोड़ दिए, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। दिल्ली-एनसीआर में हाई अलर्ट है, और लाल किले का प्रवेश 13 नवंबर तक बंद रहेगा।

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