ट्रंप का परमाणु हथियारों पर चौंकाने वाला बयान: ‘हमारे पास दुनिया को 150 बार तबाह करने लायक हथियार’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने के अपने फैसले पर डटकर कायम रहते हुए एक हैरान करने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास दुनिया को 150 बार तबाह करने के लिए पर्याप्त परमाणु हथियार हैं, फिर भी देश को परमाणु परीक्षण की आवश्यकता है।

सीबीएस न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने रूस, चीन और उत्तर कोरिया की बढ़ती परमाणु महत्वाकांक्षाओं का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं रह सकता जो परीक्षण न करे। उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस ने परमाणु परीक्षण का एलान किया है और ऐसा कर रहा है, जबकि उत्तर कोरिया और अन्य देश भी लगातार परीक्षण कर रहे हैं। ट्रंप का यह बयान दुनियाभर में विवादास्पद साबित हो रहा है, क्योंकि इससे वैश्विक स्तर पर परमाणु हथियारों की होड़ दोबारा तेज होने का खतरा पैदा हो गया है।

ट्रंप ने इंटरव्यू में कहा, “हमारे पास किसी भी अन्य देश से कहीं अधिक परमाणु हथियार हैं। हमें परमाणु निरस्त्रीकरण पर कुछ करना चाहिए। मैंने इस मुद्दे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी बात की है। हमारे पास इतने परमाणु हथियार हैं जो पूरी दुनिया को 150 बार उड़ा सकते हैं। रूस के पास भी ढेर सारे हैं और चीन के पास भी।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका को पीछे नहीं हटना चाहिए, क्योंकि अन्य देश गुप्त रूप से परीक्षण कर रहे हैं। ट्रंप ने यह भी उल्लेख किया कि चीन अपनी परमाणु क्षमता को तेजी से बढ़ा रहा है, जबकि रूस के पास 4,380 और अमेरिका के पास 3,700 परमाणु हथियार हैं।

शी जिनपिंग से मुलाकात से ठीक पहले दिया था परीक्षण का आदेश

ट्रंप ने बताया कि परमाणु परीक्षण का फैसला उन्होंने तब लिया जब उन्हें महसूस हुआ कि इतने विशाल हथियार भंडार के बावजूद अमेरिका को पीछे नहीं छोड़ना चाहिए। बीते दिनों दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से कुछ घंटे पहले ही ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर रक्षा विभाग को तत्काल परमाणु परीक्षण शुरू करने का निर्देश दिया था। इस कदम की वैश्विक स्तर पर कड़ी आलोचना हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे परमाणु हथियारों पर रोक लगाने वाली संधियों को खतरा हो सकता है। अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में ऑपरेशन जूलियन के तहत परमाणु परीक्षण किया था।

वैश्विक तनाव के बीच बढ़ा खतरा

ट्रंप का बयान ऐसे समय आया है जब यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देश व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) के हस्ताक्षरकर्ता हैं, जिस पर 187 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल जैसे देश शामिल हैं।

ट्रंप ने इंटरव्यू में दावा किया कि रूस और चीन खुले तौर पर परीक्षण न करके दुनिया को गुमराह कर रहे हैं, जबकि अमेरिका एक खुला समाज होने के नाते पारदर्शी रहता है। कैपिटल हिल पर भी इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं, जहां रक्षा विशेषज्ञों ने कहा है कि न तो चीन और न ही रूस ने हाल ही में विस्फोटक परमाणु परीक्षण किए हैं। फिर भी, ट्रंप का रुख सख्त है, जो वैश्विक शांति के लिए चिंता का विषय बन गया है।

LIVE TV