
वायु प्रदूषण की मार से जूझ रही राजधानी में क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) आज भी जारी रहेगी। मंगलवार को IIT कानपुर की टीम ने 14 फ्लेयर्स दागे, लेकिन बादलों में नमी की कमी से बारिश नहीं हुई। निदेशक मनिंद्र अग्रवाल ने इसे इमरजेंसी उपाय बताया, न कि स्थायी समाधान। बुधवार को दो उड़ानों से दोबारा कोशिश होगी।
कल क्लाउड सीडिंग क्यों फेल?
- मुख्य वजह: बादलों में नमी 20% से कम (जरूरी 50%)। अग्रवाल ने कहा, “यह जादुई इलाज नहीं। संकटकालीन तरीका है।”
- प्रक्रिया: कानपुर से सेसना विमान लाया गया। शाम तक 14 फ्लेयर्स (20% सिल्वर आयोडाइड + रॉक सॉल्ट/नमक) छोड़े।
- उम्मीद: 15 मिनट से 4 घंटे में बारिश, लेकिन पूर्वानुमान भ्रमित रहे।
नोएडा में 0.1 मिमी और ग्रेटर नोएडा में 0.2 मिमी बूंदाबांदी हुई, लेकिन दिल्ली में नहीं।
प्रदूषण का समाधान केवल क्लाउड सीडिंग ही क्यों?
अग्रवाल ने साफ कहा: “स्थायी उपाय नहीं।” दिल्ली हर साल दिवाली+पराली से जहर निगलती है। लोग सांस-खांसी से त्रस्त। AQI मंगलवार को 301 (बहुत खराब) से 294 (खराब) हुआ, लेकिन सुधार मामूली।
- अन्य उपाय? GRAP (स्कूल बंद, निर्माण रोक), लेकिन लोग सवाल उठा रहे: पराली रोकथाम, फैक्ट्रियां, वाहन पर सख्ती क्यों नहीं?
- सरकार: 5 परीक्षण (कुल ₹3.21 करोड़) मंजूर। आज फिर कोशिश।
राजनीति गरमाई: आप का तंज vs भाजपा का समर्थन
| पार्टी | बयान |
|---|---|
| आम आदमी पार्टी (AAP) | “प्रचार स्टंट!” “इंद्रदेव का श्रेय चुराना!” वैज्ञानिक समाधान के बजाय जुमला। |
| भाजपा | “वैज्ञानिक+परिणामोन्मुखी!” प्रदूषण घटाने का बढ़िया कदम। |





