
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को पहली बार राज्यसभा चुनाव आयोजित किए गए। श्रीनगर विधानसभा परिसर में हुए मतदान में 88 में से 86 विधायकों ने वोट डाले, जबकि हिरासत में विधायक मेहराज मलिक ने डाक मतपत्र से मतदान किया।
मतगणना के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने चार में से तीन सीटें जीत लीं, जबकि भाजपा को एक सीट मिली। NC के चौधरी मोहम्मद रमजान ने 58 वोटों से जीत दर्ज की, जबकि शम्मी ओबराय और सज्जाद किचलू ने अन्य दो सीटें हासिल कीं। BJP के सत शर्मा ने 32 वोटों से चौथी सीट जीती। यह चुनाव 2021 से रिक्त चार सीटों (गुलाम नबी आजाद, नजीर अहमद लवाय, फैयाज अहमद मीर और शमशेर सिंह मनहास के कार्यकाल समाप्ति के बाद) के लिए थे।
चुनाव से पहले NC और PDP ने अपने विधायकों को तीन-रेखीय व्हिप जारी किया था, ताकि सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवारों को समर्थन सुनिश्चित हो। NC के उमर अब्दुल्ला ने परिणाम पर क्रॉस वोटिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि यह NC की मजबूत पकड़ का प्रमाण है, लेकिन कुछ विधायकों का व्यवहार निराशाजनक रहा। BJP ने सत शर्मा की जीत को जम्मू क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति का संकेत बताया। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन ने इसे NC-BJP के बीच “फिक्स्ड मैच” करार दिया।
यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद पहला राज्यसभा चुनाव था, जहां 90 सदस्यीय विधानसभा में 88 विधायक हैं (बुदगाम और नागरोटा सीटें खाली)। NC ने लोकसभा चुनावों में 42 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था, जबकि BJP को 29 मिलीं। परिणाम NC की वर्चस्व को मजबूत करते हैं, लेकिन क्रॉस वोटिंग ने आंतरिक कलह के संकेत दिए। अगले विधानसभा उपचुनाव (नागरोटा और बुदगाम, 11 नवंबर) पर नजरें टिकी हैं।





