
उत्तर प्रदेश में नकली और गुणवत्ताविहीन दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए योगी सरकार ने सख्त कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की समीक्षा के दौरान हर जिले में जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी का नया पद सृजित करने की मंजूरी दी।
यह अधिकारी औषधि निरीक्षकों की निगरानी करेगा और दवाओं की जांच को तेज व प्रभावी बनाएगा। साथ ही, औषधि निरीक्षकों के पदों को दोगुना करने और उपायुक्त (औषधि) के पद बढ़ाने का फैसला लिया गया है।
वर्तमान में प्रदेश में 109 औषधि निरीक्षक हैं, जिनमें से 32 पद खाली हैं। कई निरीक्षकों के पास दो-दो जिलों की जिम्मेदारी है, जबकि 13 जिलों में कोई औषधि निरीक्षक ही नहीं है। इससे जांच प्रक्रिया प्रभावित हो रही थी। अब औषधि नियंत्रण संवर्ग का पुनर्गठन होगा। जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी जिलाधिकारी से संबद्ध नहीं रहेंगे, बल्कि सीधे विभाग के अधीन काम करेंगे। उपायुक्त (औषधि) का एकमात्र पद बढ़ाकर कई किया जाएगा। उप आयुक्त से पदोन्नति पाने वाले संयुक्त आयुक्त (औषधि) के पद पर तैनाती दी जाएगी, जिसके लिए अर्हकारी सेवा में संशोधन होगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नकली दवाओं की बिक्री को पूरी तरह रोका जाए। प्रदेश में आए दिन नकली दवाएं मिलने की शिकायतें सामने आ रही हैं, जो जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं। इस कदम से जांच का दायरा बढ़ेगा और गुणवत्ता नियंत्रण मजबूत होगा। विभाग को औषधि निरीक्षकों की भर्ती प्रक्रिया तेज करने और प्रशिक्षण पर जोर देने को कहा गया है।





