
बहराइच के कैसरगंज क्षेत्र में आदमखोर भेड़िए के आतंक ने ग्रामीणों को दहशत में डाल रखा था, लेकिन अब वन विभाग ने एक और खूंखार भेड़िए को मार गिराया है। भिरगूपुरवा गांव के पास नए शिकार की फिराक में भटक रहे इस भेड़िए को सुबह-सुबह गोली मार दी गई।
यह भेड़िया 25 से अधिक लोगों पर हमला कर चुका था, जिसमें महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाया गया था। घटना के बाद इलाके में राहत की सांस ली जा रही है, लेकिन दो अन्य भेड़िए अभी भी फरार हैं।
वन विभाग के अनुसार, यह भेड़िया एक हमले के बाद दूसरे स्थान पर भागा था और भिरगूपुरवा गांव के पास घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था। वन संरक्षक डॉ. समरन ने बताया कि कुल चार भेड़ियों का गिरोह था, जिनमें से दो को अब तक मार गिराया गया है। एक घायल है और फरार, जबकि एक अभी भी जंगल में छिपा हुआ है। विभाग ने थर्मल ड्रोन और पांच टीमों की मदद से तलाश तेज कर दी है, जिनमें ट्रैंक्विलाइजर और जाल वाली इकाइयां भी शामिल हैं। अगर पकड़ में न आए, तो गोली मारने का आदेश है।
यह मामला कैसरगंज तहसील के मझरा टोकली क्षेत्र से जुड़ा है, जहां 9 सितंबर से भेड़ियों के हमलों का सिलसिला शुरू हुआ। अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25-26 अन्य घायल हुए हैं। इनमें बुजुर्ग दंपति खेदन (60) और मंकिया (55) भी शामिल हैं, जिन्हें भिरगूपुरवा के पास ही निशाना बनाया गया था। दंपति अपनी फसल की रखवाली के लिए झोपड़ी में सो रहे थे, जब भेड़िए ने हमला कर दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि भेड़िए ने दंपति के शव को आंशिक रूप से नोंच लिया था। इसके अलावा, तीन महिलाओं मीना (35), धनपतिया और सेबरी (30) पर भी हमला हुआ, जो सो रही थीं। सभी को बहराइच मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 सितंबर को बहराइच का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था। उन्होंने वन विभाग को सख्त निर्देश दिए थे कि भेड़ियों को पकड़ो या गोली मार दो। मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि की घोषणा की गई। हमले मुख्य रूप से महसी और कैसरगंज तहसीलों के 15 किलोमीटर के दायरे में हो रहे हैं, जहां ग्रामीण सूर्यास्त के बाद घर से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। कई रातें लाठियों और हंसियों से पहरा दे रहे हैं।
वन विभाग की ‘ऑपरेशन वुल्फ’ अभियान के तहत तलाश जारी है। डीएफओ राम सिंह यादव ने कहा कि हमले ज्यादातर बच्चों और महिलाओं पर हो रहे थे, जिससे इलाके में दहशत फैल गई थी। अब तक के प्रयासों से दो भेड़िए मारे जा चुके हैं, लेकिन बाकी दो को पकड़ना बाकी है। ग्रामीणों से अपील की गई है कि रात में सतर्क रहें और बच्चों को अकेला न छोड़ें।