
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया कि वे इस बार चुनावी मैदान में उतरेंगे नहीं।
लंबे समय से राघोपुर सीट से तेजस्वी यादव के खिलाफ उनकी उम्मीदवारी को लेकर अटकलें चल रही थीं, लेकिन किशोर ने स्पष्ट कर दिया कि पार्टी ने उनके चुनाव न लड़ने का फैसला व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए लिया है। इसके बजाय, पार्टी ने राघोपुर से चंचल सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जिससे तेजस्वी के गढ़ में नया मुकाबला तय हो गया है। किशोर ने दावा किया कि जन सुराज की जीत राष्ट्रीय राजनीति की दिशा बदल देगी, और सरकार बनने पर भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कानून लाया जाएगा।
प्रशांत किशोर ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर वे चुनाव लड़ते, तो संगठनात्मक कार्यों से उनका ध्यान भटक जाता। उन्होंने जोर देकर कहा, “यह फैसला पार्टी के व्यापक हित में लिया गया है।” राघोपुर से चंचल सिंह को टिकट देकर किशोर ने तेजस्वी को अप्रत्यक्ष रूप से ‘वॉकओवर’ दे दिया, लेकिन पार्टी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का दावा कर रही है। पहले पार्टी ने दो सूचियां जारी की थीं—पहली में 51 और दूसरी में 66 उम्मीदवारों के नाम, जो बिहार की सियासत में नया रंग भर रही हैं।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस: 100 सबसे भ्रष्टों पर मुकदमा, संपत्ति जब्त
किशोर ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जन सुराज सरकार बनने के एक महीने के भीतर एक विशेष कानून लाएगी, जिसके तहत बिहार के 100 सबसे भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों की पहचान की जाएगी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “मुझे यकीन है कि ये लोग अभी से पूजा-पाठ कर रहे होंगे कि हम सत्ता में न आएं।” इन पर मुकदमे चलाए जाएंगे, अवैध संपत्ति जब्त होगी और राज्य के खजाने में जमा कर बिहार के विकास में लगाई जाएगी।
किशोर ने छह बड़े वादों का जिक्र किया, जिनमें फर्जी शराबबंदी नीति खत्म करना, भू-माफिया और बालू माफिया से मुक्ति भी शामिल है। उन्होंने कहा, “यह विकास वही है जो इन भ्रष्ट लोगों की वजह से रुका पड़ा है।”
चुनावी संभावनाओं पर बड़ा दावा: या तो भारी जीत, या पूरी हार
अपनी पार्टी की संभावनाओं पर किशोर ने बिना लाग-लपेट कहा, “हम या तो भारी जीत दर्ज करेंगे या पूरी तरह हार जाएंगे।” उन्होंने पहले भी कहा था कि जन सुराज को या तो 10 से कम या 150 से ज्यादा सीटें मिलेंगी—बीच का कोई रास्ता नहीं। अगर 120-130 सीटें भी आती हैं, तो इसे हार माना जाएगा। त्रिशंकु विधानसभा की संभावना को खारिज करते हुए किशोर ने कहा कि जनता या तो मजबूत जनादेश देगी, जिससे बिहार को देश के 10 सबसे विकसित राज्यों में शामिल करने का मौका मिलेगा, या फिर पार्टी सड़क और समाज की राजनीति जारी रखेगी।
NDA की हार तय, नीतीश दोबारा नहीं बनेंगे सीएम: किशोर का दावा
किशोर ने सत्ताधारी NDA पर तीखा प्रहार किया, कहा कि गठबंधन में पूरी अफरातफरी है। सीट बंटवारे और उम्मीदवारों को लेकर असमंजस से साफ है कि हालात उनके पक्ष में नहीं। उन्होंने दावा किया कि NDA की हार तय है और नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। 2020 के चुनाव का हवाला देते हुए किशोर ने कहा कि चिराग पासवान की बगावत से JD(U) की सीटें 43 पर सिमट गई थीं, और इस बार भी गठबंधन कमजोर दिख रहा है।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी बिहार की सियासत में नया दांव है, जो युवाओं और विकास के मुद्दों पर फोकस कर रही है। 48 वर्षीय किशोर ने कहा कि जीत राष्ट्रीय स्तर पर असर डालेगी। चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे, जबकि 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। किशोर का यह ऐलान विपक्ष को मजबूत संदेश देता है, लेकिन NDA और महागठबंधन के लिए चुनौती भी।