
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और रामपुर से 10 बार के विधायक आजम खां को 23 महीने बाद जेल से रिहाई के बाद वाई श्रेणी की सुरक्षा फिर से बहाल कर दी गई है। 23 सितंबर 2025 को सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद अब उनके आवास पर पांच पुलिसकर्मी और तीन सुरक्षाकर्मी 24 घंटे उनकी निगरानी करेंगे।
इससे पहले, 2022 में जेल जाने से पहले उनकी वाई श्रेणी सुरक्षा हटा ली गई थी। इस फैसले ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह बिहार और उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों से पहले आया है।
आजम खां पर कानूनी शिकंजा: 100 से ज्यादा मुकदमे
आजम खां, जो 2012-2017 तक यूपी के कैबिनेट मंत्री रहे, एक बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। उनकी मुश्किलें 2017 में BJP सरकार बनने के बाद बढ़ीं, जब 2019 से उनके खिलाफ 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें डूंगरपुर बस्ती और यतीमखाना को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, चोरी, डकैती, मारपीट और जालसाजी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
2022 में बेटे अब्दुल्ला आजम के जन्म प्रमाणपत्र से छेड़छाड़ के मामले में उन्हें सजा हुई, जिसके बाद वे पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बेटे के साथ जेल भेजे गए। डूंगरपुर मामले में भी उन्हें सजा हो चुकी है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर स्टे दिया, जिसके बाद वे जमानत पर रिहा हुए।
वाई श्रेणी सुरक्षा: क्या-क्या सुविधाएं?
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वाई श्रेणी सुरक्षा के तहत आजम खां के रामपुर स्थित आवास पर पांच पुलिसकर्मियों की गारद तैनात होगी, जबकि तीन सुरक्षाकर्मी उनके साथ 24 घंटे रहेंगे। यह सुरक्षा व्यवस्था पहले भी थी, लेकिन जेल जाने से पहले इसे हटा लिया गया था। अब इसकी बहाली से सपा खेमे में उत्साह है।
सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चंद ने कहा, “आजम खां पर BJP ने सियासी बदले की भावना से कार्रवाई की। उनकी सुरक्षा बहाल करना स्वागत योग्य है।”