
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह ठप कर दिया है। शनिवार से शुरू हुई मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थितियां पैदा हो गईं, जिसमें कम से कम छह लोगों की मौत हो चुकी है।
मिरिक और सुखिया क्षेत्रों में भूस्खलन से सबसे ज्यादा तबाही मची, जहां जसबीर बस्ती में एक घर पर मिट्टी का पहाड़ गिरने से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य स्थानों पर चार और शव बरामद हुए। बचाव कार्यों के दौरान मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। दार्जिलिंग जिला प्रशासन और पुलिस टीमें राहत व बचाव में जुटी हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं।
दुधिया में बालासोन नदी पर बना महत्वपूर्ण लोहे का पुल पूरी तरह ढह गया, जिससे सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग एसएच-12 मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई। इससे कई गांवों और पर्यटन स्थलों का संपर्क कट गया है। इसी तरह, नेशनल हाईवे-10 और 717ए पर भूस्खलन से सिलीगुड़ी-सिक्किम मार्ग अवरुद्ध हो गया, जबकि कालिम्पोंग-दार्जिलिंग रूट पर भी पानी भर गया। पुसुमबिंग टी गार्डन और माने भंज्यांग जैसे इलाकों में संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है, और कई सड़कें मलबे से पट गईं।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, कूच बिहार और अलीपुरद्वार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जो 6 अक्टूबर तक जारी रहेगा। विभाग ने अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है, और लोगों को नदियों, पहाड़ियों और कमजोर संरचनाओं से दूर रहने की सलाह दी गई है। बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन के कारण यह बारिश और तेज हो सकती है।
राजू बिस्ता का शोक और अपील
दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिस्ता ने इस विपत्ति पर गहरा शोक जताया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “मैं दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों के कई हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश से हुए भारी नुकसान की खबर सुनकर बेहद दुखी हूं। मौतें हुई हैं, संपत्ति नष्ट हुई है और बुनियादी ढांचे को गहरा नुकसान पहुंचा है। मैं स्थिति का आकलन कर रहा हूं और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हूं।” उन्होंने अपनी पोस्ट में भूस्खलन और ढहते पुल की तस्वीरें भी शेयर कीं।
सांसद ने आगे कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रभावित लोगों की तत्काल मदद के लिए निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने सभी गठबंधन दलों, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से समन्वय स्थापित करने की अपील की, ताकि जरूरतमंदों तक सहायता समय पर पहुंच सके। बिस्ता ने कहा, “हम अपने लोगों की हरसंभव सहायता करेंगे।” अन्य भाजपा नेताओं जैसे अग्निमित्र पॉल ने भी शोक व्यक्त किया और सिक्किम व कालिम्पोंग के कटे कनेक्शन पर चिंता जताई।
प्रशासन ने राहत शिविर स्थापित किए हैं, और एनएचआईडीसीएल की टीमें मलबा हटाने का काम कर रही हैं। हालांकि, लगातार बारिश से राहत कार्य बाधित हो रहा है। स्थानीय लोग सुरक्षित स्थानों पर रहने और यात्रा से बचने की अपील कर रहे हैं।