पूर्णिया में वंदे भारत एक्सप्रेस की चपेट में आए पांच, तीन की मौत; बिहार में एक हफ्ते में दूसरा बड़ा हादसा

बिहार के पूर्णिया जिले में शुक्रवार तड़के एक दर्दनाक हादसे में जोगबनी-दानापुर वंदे भारत एक्सप्रेस ने जाबनपुर के पास रेलवे ट्रैक पर पांच लोगों को टक्कर मार दी, जिसमें तीन की मौके पर ही मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को पूर्णिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती कराया गया है। यह बिहार में एक हफ्ते के भीतर वंदे भारत एक्सप्रेस से जुड़ा दूसरा घातक हादसा है।

हादसे का ब्योरा: दशहरा मेले से लौट रहे थे पीड़ित

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हादसा सुबह करीब 5 बजे कटिहार-जोगबनी रेलवे लाइन पर हुआ। पीड़ित दशहरा मेला देखकर लौट रहे थे और रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे, तभी तेज रफ्तार वंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 125XX) ने उन्हें टक्कर मार दी। मृतकों की उम्र 18-25 वर्ष के बीच बताई जा रही है, और उनकी पहचान की प्रक्रिया जारी है। हादसे के बाद स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई, जिसके बाद रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है, और घायलों का इलाज GMC के इमरजेंसी वार्ड में चल रहा है।

जांच शुरू: रेलवे क्रॉसिंग पर लापरवाही का संदेह

रेलवे पुलिस (GRP) और जिला प्रशासन ने संयुक्त जांच शुरू कर दी है। हादसे का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रारंभिक जांच में रेलवे क्रॉसिंग पर सिग्नलिंग सिस्टम की कमी या गेटमैन की लापरवाही की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह के अंधेरे और ट्रेन की तेज गति ने हादसे को और घातक बना दिया। पूर्णिया के SP ने कहा, “CCTV फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों की जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।” रेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की कि ट्रेन को कोई नुकसान नहीं हुआ, और यह अपने निर्धारित समय पर दानापुर पहुंची।

वंदे भारत का शेड्यूल

जोगबनी-दानापुर वंदे भारत एक्सप्रेस, जिसे 17 दिसंबर 2024 को शुरू किया गया था, जोगबनी से सुबह 3:25 बजे रवाना होती है, पूर्णिया में 4:50 बजे रुकती है, और सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर होते हुए सुबह 11:30 बजे दानापुर (पटना) पहुंचती है।

बिहार में दूसरा हादसा: सहरसा में भी बुजुर्ग की मौत

यह हादसा बिहार में वंदे भारत एक्सप्रेस से जुड़ा दूसरा बड़ा हादसा है। 30 सितंबर को सहरसा के हटियागाछी रेलवे क्रॉसिंग पर एक बुजुर्ग की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। ये घटनाएं ग्रामीण इलाकों में रेलवे क्रॉसिंग पर सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करती हैं। बिहार में हाई-स्पीड ट्रेनों के बढ़ने के साथ क्रॉसिंग हादसों में इजाफा हुआ है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और मुआवजे की मांग

विपक्षी नेताओं ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए, और ग्रामीण क्षेत्रों में रेलवे क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर या अंडरपास की मांग दोहराई। रेल मंत्रालय ने हादसे का संज्ञान लिया और पीड़ितों के लिए सहायता का आश्वासन दिया है।

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