बरेली बवाल: ‘आई लव मोदी’ कहना आसान, लेकिन ‘आई लव मुहम्मद’ पर कार्रवाई क्यों? ओवैसी ने बीजेपी पर साधा निशाना

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर विवाद को लेकर बीजेपी पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि इस देश में ‘आई लव मोदी’ कहना स्वीकार्य है, लेकिन ‘आई लव मुहम्मद’ कहने पर आपत्ति क्यों?

ओवैसी के ये बयान बरेली में 26 सितंबर को हुए हिंसक प्रदर्शनों के बीच आए हैं, जहां पोस्टरों को लेकर जुमे की नमाज के बाद पथराव हुआ, पुलिस पर हमला बोला गया और 81 से अधिक गिरफ्तारियां हुईं। बरेली डिवीजन के चार जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं, और दशहरा व जुमे की नमाज के दौरान भारी पुलिस तैनाती की गई है।

ओवैसी का हैदराबाद में बयान: ‘देश कहां ले जा रहे हो?’

हैदराबाद में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, “इस देश में ‘आई लव मोदी’ कहने पर कोई एतराज नहीं, मीडिया भी खुश हो जाती है। लेकिन ‘आई लव मुहम्मद’ कहो तो आपत्ति हो जाती है। देश को कहां ले जा रहे हो?” उन्होंने जोर देकर कहा कि मुसलमान होने का मतलब पैगंबर मुहम्मद से प्रेम है, और स्वतंत्रता संग्राम में 17 करोड़ मुसलमानों का योगदान इसका प्रमाण है। ओवैसी ने कहा, “मैं मुसलमान हूं क्योंकि मुहम्मद हैं। इससे ऊपर कुछ नहीं।” उन्होंने सम्बल मस्जिद विवाद का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि मुस्लिमों की धार्मिक संपत्तियों को छीना जा रहा है।

ओवैसी ने कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाए: “सरकार इतने कानून क्यों बना रही है? असम में 3000 मुसलमानों को बेघर कर दिया गया, बहाना सरकारी जमीन का।” उन्होंने लोगों से धैर्य बरतने और कानूनी रास्ते अपनाने की अपील की: “हम कानून के दायरे में रहें। कानून हाथ में न लें। लेकिन कानून तो मकड़ी का जाला है, कुछ नहीं।” ओवैसी ने वीडियो संदेश में भी कहा, “जब ‘I Love Modi’ कहने पर कोई एतराज़ नहीं, तो ‘I Love Muhammad ﷺ’ बोलने पर कार्रवाई क्यों?” यह पोस्ट एक्स पर वायरल हो गई।

बरेली बवाल का पृष्ठभूमि: पोस्टर विवाद से हिंसा

26 सितंबर को बरेली के आला हजरत दरगाह के बाहर इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के बैनर पर ‘आई लव मुहम्मद’ लिखे पोस्टर लगाए गए, जिसके खिलाफ प्रदर्शन हुआ। जुमे की नमाज के बाद दो हजार से अधिक लोग इकट्ठा हुए, जो पथराव और पुलिस से झड़प में बदल गया। IMC के राष्ट्रीय महासचिव नफीस खान और उनके बेटे फरमान खान (फेसबुक पेज हैंडलर) को गिरफ्तार किया गया। एसएसपी अनुराग आर्या ने कहा कि पूछताछ में नफीस ने स्वीकार किया कि “सभी साजिश में शामिल थे।” IMC प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया।

हिंसा में पुलिसकर्मी घायल हुए, दुकानें जलाई गईं और वाहनों को नुकसान पहुंचा। इसके बाद बरेली डिवीजन में 48 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड निलंबित कर दिया गया (2 अक्टूबर दोपहर 3 बजे से 4 अक्टूबर दोपहर 3 बजे तक)। दशहरा और जुमे की नमाज के दौरान 8500 पुलिसकर्मी तैनात हैं, ड्रोन से निगरानी हो रही है। शहर को चार सुपर जोन और चार स्पेशल जोन में बांटा गया है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: ओवैसी का बयान विवादास्पद

ओवैसी के बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। बीजेपी ने इसे “भड़काऊ” बताया, जबकि AIMIM ने इसे मुस्लिम भावनाओं का प्रतिनिधित्व कहा। नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद को बरेली जाने से रोका गया, और कांग्रेस सांसद डेनिश अली व इमरान मसूद को भी हाउस अरेस्ट का सामना करना पड़ा। अल हजरत एसोसिएशन ने शांतिपूर्ण नमाज की अपील की। प्रशासन ने हेल्पलाइन (0581-2422202, 0581-2428188) जारी की है।

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