
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में दशहरे के पावन अवसर पर नक्सलवाद को बड़ा झटका लगा है। 103 नक्सलियों ने गुरुवार को बीजापुर पुलिस और सीआरपीएफ के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जो राज्य के इतिहास में एक ही दिन में अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक आत्मसमर्पण है। इनमें 22 महिलाएं शामिल हैं, और 49 नक्सलियों पर कुल 1.06 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।
आत्मसमर्पित नक्सलियों ने माओवादी विचारधारा से मोहभंग, संगठन के आंतरिक कलह, सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव तथा बस्तर क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों को आत्मसमर्पण का मुख्य कारण बताया। यह घटना सीपीआई (माओइस्ट) संगठन के लिए गंभीर चुनौती है, क्योंकि सरेंडर करने वालों में डिविजनल कमेटी कमांडर (DVCM), पार्टी पार्ट टाइम कमांडर (PPCM), एरिया कमांडर (ACM), मिलिशिया कमांडर, डिप्टी कमांडर तथा क्षेत्र समिति सदस्य जैसे महत्वपूर्ण पदाधिकारी शामिल हैं।
आत्मसमर्पण “पूना मारगेम” (पुनर्वास से पुनर्जीवन) अभियान के तहत हुआ, जो राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का हिस्सा है। बीजापुर एसपी डॉ. जीतेन्द्र कुमार यादव ने बताया, “यह केवल हथियारों का आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि दशकों पुरानी हिंसक माओवादी विचारधारा का पराजय है।” प्रत्येक आत्मसमर्पित नक्सली को तत्काल सहायता के रूप में 50,000 रुपये का चेक प्रदान किया गया। इसके अलावा, उन्हें मुफ्त आवास, स्वास्थ्य सुविधा, खेती के लिए जमीन, कौशल प्रशिक्षण तथा छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाएगी। सरेंडर करने वालों ने हथियारों सहित 1 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की सामग्री भी जमा की।
2025 में बीजापुर में नक्सलियों पर सरकार की सख्ती
इस आत्मसमर्पण के साथ ही, 2025 में बीजापुर में 410 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि 421 गिरफ्तार हुए हैं और 137 मुठभेड़ों में मारे गए हैं। पिछले दो वर्षों में आंकड़े क्रमशः 924 गिरफ्तारियां, 599 आत्मसमर्पण तथा 195 मौतें हैं। यह नक्सल प्रभाव क्षेत्र को सिकुड़ने और संगठन की कमजोर होती संरचना को दर्शाता है। हाल ही में नारायणपुर में नक्सलियों के युद्धविराम प्रस्ताव को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ठुकरा दिया था, और आत्मसमर्पण का आह्वान किया था।
गंगालूर में चल रही मुठभेड़: एक नक्सली मारा गया, हथियार बरामद
इसी बीच, बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र में गुरुवार सुबह करीब 11 बजे सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई, जो रुक-रुक कर जारी है। नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर सर्च ऑपरेशन के दौरान फायरिंग हुई। मुठभेड़ स्थल से एक नक्सली का शव बरामद हो चुका है, साथ ही हथियार और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिली है। सुरक्षा कारणों से मुठभेड़ स्थल, शामिल बलों की संख्या तथा अन्य विवरण साझा नहीं किए गए। एसपी ने कहा, “ऑपरेशन समाप्त होने पर पूरी जानकारी दी जाएगी।” यह कार्रवाई नक्सल विरोधी अभियानों की निरंतरता दर्शाती है।
नक्सलवाद के खिलाफ सफलता का संदेश
यह घटना छत्तीसगढ़ सरकार के नक्सल विरोधी अभियानों और पुनर्वास नीति की बड़ी सफलता है। डीआईजी कमलोचन कश्यप ने कहा, “नक्सलियों के नेतृत्व में वैक्यूम और जन समर्थन की कमी से संगठन कमजोर हो रहा है।” बस्तर क्षेत्र में सड़क, बिजली, स्कूल तथा स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार भी नक्सलियों को मुख्यधारा की ओर ला रहा है। शेष नक्सलियों से आत्मसमर्पण का आह्वान किया गया है।