जेल से रिहाई के बाद बढ़ी मुसीबतें: ईडी ने सपा विधायक इरफान सोलंकी पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज, करोड़ों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी

उत्तर प्रदेश के कानपुर से सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज कर लिया है। यह कार्रवाई कानपुर में पहले दर्ज कई आपराधिक मामलों को आधार बनाकर की गई है।

ईडी का आरोप है कि इरफान सोलंकी ने अपने भाई रिजवान, सहयोगियों शौकत अली, हाजी वसी खान और अन्य के साथ मिलकर करोड़ों रुपये की संपत्तियां खरीदीं, जो उनकी घोषित आय से कहीं अधिक हैं। इनमें कानपुर और मुंबई की तीन फ्लैट्स शामिल हैं, जिनकी वैल्यू करीब 5 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

मनी लॉन्ड्रिंग केस की शुरुआत और छापेमारी

ईडी ने मार्च 2024 में इरफान सोलंकी, उनके जेल में बंद भाई रिजवान सोलंकी और अन्य सहयोगियों के कानपुर व मुंबई के पांच ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी को 26 लाख रुपये नकद, महत्वपूर्ण दस्तावेज, डायरी और संपत्ति से जुड़े सबूत बरामद हुए। छापेमारी सीआरपीएफ की सुरक्षा में हुई, जो प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज एफआईआर पर आधारित थी। यह एफआईआर उत्तर प्रदेश पुलिस की कई एफआईआर पर आधारित है, जिसमें गैंगस्टर एक्ट, एंटी-सोशल एक्टिविटीज एक्ट के तहत केस शामिल हैं।

इरफान सोलंकी (44 वर्ष) सिसामऊ विधानसभा सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं। वे दिसंबर 2022 से महाराजगंज जेल में बंद थे, लेकिन हाल ही में जमानत पर रिहा हुए। पुलिस के अनुसार, इरफान और रिजवान पर एक महिला को परेशान करने, उसके घर में आग लगाने और प्लॉट हथियाने के आरोप हैं। इसके अलावा, उनके सहयोगी हाजी वसी खान 2022 के कानपुर दंगों में फंडिंग और अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को आधार कार्ड दिलाने के मामले में भी आरोपी हैं। कुल मिलाकर, इरफान पर 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

आरोप पत्र दाखिल और संपत्ति जब्ती की तैयारी

ईडी अगले सप्ताह कोर्ट में आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल करने की तैयारी में है। आरोप पत्र के बाद मामले की सुनवाई शुरू होगी, जिसमें संपत्तियों के स्रोत, धन की उत्पत्ति और बिल्डरों के साथ साठगांठ का खुलासा होगा। ईडी ने उन संपत्तियों को जब्त करने का प्लान बनाया है, जो अवैध कमाई से खरीदी गईं। जांच अभी जारी है, और ईडी ने कहा है कि सभी सबूतों और दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई पूरी की जाएगी।

राजनीतिक और कानूनी हलचल

यह मामला यूपी की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गया है। सपा इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है, जबकि बीजेपी इसे कानून का राज स्थापित करने का उदाहरण मान रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आगामी लोकसभा चुनावों के लिहाज से सपा के लिए झटका साबित हो सकता है। इरफान सोलंकी के वकील ने कहा है कि वे निर्दोष हैं और कोर्ट में सबूत पेश करेंगे। ईडी की कार्रवाई से सपा नेतृत्व में हड़कंप मच गया है, और पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

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