
दो अक्टूबर 2025 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 156वीं जयंती मनाई जा रही है, जो विश्व स्तर पर अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस अवसर पर दिल्ली के राजघाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे और गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहीं। गांधी जयंती के अलावा आज पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती है, जिन्हें राष्ट्रपति मुर्मू ने विजय घाट पर श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजघाट पहुंचकर बापू की प्रतिमा को नमन किया और पुष्पांजलि अर्पित की। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में पीएम ने लिखा, “गांधी जयंती प्यारे बापू के असाधारण जीवन को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है, जिनके आदर्शों ने मानव इतिहास का मार्ग बदल दिया। उन्होंने दिखाया कि साहस और सादगी कैसे बड़े बदलाव ला सकते हैं। वह सेवा और करुणा को लोगों को सशक्त बनाने के जरूरी माध्यम मानते थे। हम उनका रास्ता अपनाकर विकसित भारत के निर्माण की ओर बढ़ेंगे।” पीएम ने गांधीजी के साहस, सादगी, सेवा और करुणा के मूल्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि ये आज भी भारत के विकास की दिशा तय कर रहे हैं।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। अहिंसा और सत्याग्रह के प्रणेता गांधीजी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लाखों भारतीयों को प्रेरित किया। स्वतंत्रता के कुछ महीनों बाद, 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने नई दिल्ली के गांधी स्मृति स्थल पर उनकी हत्या कर दी। उनका जीवन और बलिदान आज भी शांति, मानव गरिमा और अहिंसा का प्रतीक है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजघाट पर गांधीजी को श्रद्धांजलि दी और अपने संदेश में कहा, “गांधी जयंती हम सभी के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों और जीवन मूल्यों के प्रति स्वयं को पुनः समर्पित करने का अवसर है। गांधीजी ने विश्व को शांति, सहिष्णुता और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया जो संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत है।” उन्होंने अस्पृश्यता, निरक्षरता, नशाखोरी जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ गांधीजी के संघर्ष को याद किया। राष्ट्रपति ने कहा, “नैतिकता और सदाचार में उनका अटूट विश्वास था। चरखा चलाकर उन्होंने आत्मनिर्भरता का संदेश दिया। आइए, हम सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए एक स्वच्छ, समर्थ, सशक्त व समृद्ध भारत का निर्माण करके गांधी जी के सपनों को साकार करें।”
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी राजघाट पर पुष्प अर्पित किए। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि देते हुए एक्स पर लिखा, “सत्य, अहिंसा और सौहार्द के सिद्धांतों से भारत को एकजुट करने वाले बापू के आदर्श हमें नफरत के सामने शांति, भाईचारे, सच्चाई और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “सत्य, अहिंसा और स्वदेशी के सहारे सदियों की गुलामी से आजादी मिल सकती है, जैसा भारत ने दिखाया।” राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शासन सचिवालय में गांधी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
देशभर में गांधी जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वच्छता अभियान और शैक्षिक आयोजन हो रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2007 में अपनाए गए प्रस्ताव के तहत यह अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी है।