
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एशिया कप 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार जीत के बाद अपनी पूरी टूर्नामेंट फीस भारतीय सेना और पाहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों को दान करने की घोषणा की।
35 वर्षीय इस स्टार बल्लेबाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा, “मैंने इस टूर्नामेंट की अपनी मैच फीस हमारे सशस्त्र बलों और पाहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों के समर्थन में दान करने का फैसला किया है। आप हमेशा मेरे विचारों में रहते हैं। जय हिंद।”
पाहलगाम पीड़ितों और सेना के प्रति सूर्यकुमार का समर्थन
सूर्यकुमार ने पहले भी कई बार पाहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और भारतीय सेना के प्रति अपना समर्थन दिखाया है। मई 2025 में हुए इस हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर की उन्होंने सराहना की थी। उनकी इस घोषणा ने एक बार फिर उनके देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति समर्पण को उजागर किया है।
एशिया कप ट्रॉफी विवाद पर सूर्यकुमार का बयान
एशिया कप 2025 का फाइनल कई विवादों के कारण चर्चा में रहा। भारत ने दुबई में खेले गए फाइनल में पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर अपना नौवां खिताब जीता, लेकिन भारतीय टीम ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया। नकवी, जो पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, ट्रॉफी देने के लिए मंच पर मौजूद थे, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने उनके साथ मंच साझा करने से मना कर दिया। नतीजतन, नकवी ट्रॉफी लेकर चले गए, और भारतीय टीम ने खाली हाथ मंच पर जश्न मनाया, जिसमें सूर्यकुमार ने एक काल्पनिक ट्रॉफी उठाकर जीत का उत्सव मनाया।
पोस्ट-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूर्यकुमार ने इस घटना पर निराशा जताते हुए कहा, “मैंने क्रिकेट खेलना शुरू करने और इसे देखने के बाद से ऐसा कभी नहीं देखा कि एक चैंपियन टीम को ट्रॉफी देने से इनकार किया जाए। यह भी एक कठिन मेहनत से जीती गई ट्रॉफी थी… मुझे लगता है कि हम इसके हकदार थे, और मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।”
मैच का सार
फाइनल में भारत ने पाकिस्तान के 146 रनों के लक्ष्य को आखिरी ओवर में हासिल किया, जिसमें तिलक वर्मा की नाबाद 69 रनों की पारी और शिवम दुबे के साथ उनकी 60 रनों की साझेदारी निर्णायक रही। गेंदबाजी में कुलदीप यादव ने 4/30 के आंकड़े के साथ पाकिस्तान की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया।
विवाद और खेल भावना
भारत की ट्रॉफी न लेने और पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने की नीति ने खेल भावना पर सवाल उठाए हैं। पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा ने इसे क्रिकेट का अपमान बताया, जबकि बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने नकवी के ट्रॉफी लेकर चले जाने को “अखेल भावना” करार दिया। इस विवाद ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों को एक बार फिर उजागर किया, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के संदर्भ में।
सूर्यकुमार का योगदान और संदेश
सूर्यकुमार की इस पहल ने न केवल उनके नेतृत्व और देशभक्ति को रेखांकित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि वह क्रिकेट से परे सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों के प्रति संवेदनशील हैं। उनकी इस घोषणा को प्रशंसकों और क्रिकेट प्रेमियों ने खूब सराहा है, और यह कदम खेल की भावना को सामाजिक जिम्मेदारी के साथ जोड़ने का एक अनूठा उदाहरण बन गया है।