
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने बेरोजगारी और कथित “वोट चोरी” को एक-दूसरे से जोड़ते हुए कहा कि यह दोनों मुद्दे देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
23 सितंबर 2025 को दिल्ली में एक युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल ने BJP पर देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को कमजोर करने और युवाओं के अवसर छीनने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने कहा, “वोट चोरी और बेरोजगारी एक-दूसरे से गहरे तौर पर जुड़े हुए हैं। जब सत्ताधारी दल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करता है, तो वह युवाओं के भविष्य को भी छीन लेता है। आज देश का युवा बेरोजगारी, महंगाई और अन्याय से त्रस्त है। BJP की नीतियों ने नौकरियां छीनी हैं, और उनकी ‘वोट चोरी’ की रणनीति ने युवाओं का विश्वास तोड़ा है। लेकिन मैं कहता हूं, युवा अब यह अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि BJP सरकार की नीतियां कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचाने वाली हैं, जिससे छोटे व्यवसाय और मध्यम वर्ग प्रभावित हो रहा है। राहुल ने हाल ही में लागू जीएसटी 2.0 का जिक्र करते हुए कहा कि यह “कॉरपोरेट्स के लिए तोहफा” है, लेकिन छोटे व्यापारियों और आम जनता के लिए यह बोझ बढ़ा सकता है।
वोट चोरी का आरोप
राहुल गांधी ने हाल के कुछ उपचुनावों और स्थानीय निकाय चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “वोट चोरी का खेल” लोकतंत्र के लिए खतरा है और यह सुनिश्चित करता है कि सत्ता में रहने वाली पार्टी अपनी नीतियों के जरिए युवाओं को नजरअंदाज करे। उन्होंने कांग्रेस के उस पुराने मांग को दोहराया कि मतपत्रों (पेपर बैलट) के जरिए चुनाव कराए जाएं ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
बेरोजगारी पर जोर
राहुल ने बेरोजगारी को देश की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि BJP सरकार ने पिछले 11 वर्षों में नौकरियां पैदा करने में विफलता दिखाई है। उन्होंने हाल के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत में बेरोजगारी दर 7.8% के आसपास है, और युवा बेरोजगारी दर 23% से अधिक है। उन्होंने कहा, “जब युवा शिक्षित होकर भी नौकरी नहीं पाता, तो वह निराशा में डूब जाता है। BJP की नीतियां MSME को नष्ट कर रही हैं, और निजीकरण ने सरकारी नौकरियों को खत्म कर दिया है।”
राहुल ने अपनी हाल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और ‘न्याय यात्रा’ का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने देशभर के युवाओं से बात की और उनकी सबसे बड़ी शिकायत बेरोजगारी और अवसरों की कमी थी। उन्होंने ‘युवा न्याय’ गारंटी का वादा दोहराया, जिसमें कांग्रेस ने 2024 लोकसभा चुनावों में हर डिप्लोमा और डिग्री धारक को अप्रेंटिसशिप और 1 लाख रुपये सालाना की गारंटी दी थी।
BJP की प्रतिक्रिया
BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस बेरोजगारी और EVM को लेकर “झूठ का प्रचार” कर रही है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी हर बार हार के बाद EVM को दोष देते हैं। BJP सरकार ने स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों के जरिए लाखों नौकरियां पैदा की हैं। कांग्रेस को अपनी विफलता छिपाने के लिए बहाने चाहिए।” पात्रा ने यह भी दावा किया कि जीएसटी 2.0 से छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब देश में बेरोजगारी और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दे चर्चा में हैं। हाल ही में, विपक्ष ने EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं, खासकर हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हुए उपचुनावों के बाद। इसके अलावा, युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों में अनियमितताओं (जैसे पेपर लीक) को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, 15 सितंबर 2025 को लखनऊ में SSC और रेलवे भर्ती परीक्षाओं में कथित धांधली के खिलाफ हजारों युवाओं ने प्रदर्शन किया था।
राहुल गांधी का यह बयान BJP के खिलाफ विपक्ष की रणनीति को और आक्रामक बनाता है। बेरोजगारी और EVM जैसे मुद्दों को जोड़कर राहुल ने युवाओं को लामबंद करने की कोशिश की है। यह बयान 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले सियासी माहौल को गर्म कर सकता है। दूसरी ओर, BJP ने इन आरोपों को खारिज कर अपनी उपलब्धियों पर जोर दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि युवा और मतदाता राहुल के इस आह्वान पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।