
आगरा पुलिस ने एक शातिर ऑटो गैंग का पर्दाफाश किया है, जो सवारियों से लूटपाट करने के बाद ऑटो की छत का रंग बदलकर और नंबर प्लेट पर पानी की बोतल लगाकर अपनी पहचान छिपाता था।
थाना हरीपर्वत पुलिस ने इस गैंग के चार सदस्यों—कमल जैन, शाहरुख, राजू, और माजिद—को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 11 मोबाइल, 4,220 रुपये नकद, एक तमंचा, और घटना में प्रयुक्त ऑटो बरामद किया गया है।
गैंग बस स्टैंड जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में बाहर से आने वाले अकेले यात्रियों को निशाना बनाता था। ऑटो चालक कमल जैन ऑटो चलाता था, जबकि शाहरुख और माजिद पीछे की सीट पर बैठकर सवारी को बातों में उलझाते थे। इस दौरान वे चुपके से सवारी का मोबाइल और नकदी चुरा लेते थे। कुछ दूरी पर चालक ऑटो रोककर सवारी को उतार देता था, जिससे पीड़ित को चोरी का पता बाद में चलता था। इसके बाद गैंग ऑटो की छत का रंग बदल देता था—कभी हरा, कभी नीला—और नंबर प्लेट पर प्लास्टिक की बोतल टांग देता था, ताकि नंबर न दिखे और पुलिस की नजरों से बचा जा सके।
8 सितंबर 2025 को अमित विहार कॉलोनी, टेढ़ी बगिया निवासी शिवा के साथ ऐसी ही वारदात हुई। वह सुल्तानगंज पुलिया से सिकंदरा जाने के लिए ऑटो में बैठा था, जिसमें चालक के अलावा दो अन्य लोग पीछे की सीट पर थे। रास्ते में उसका मोबाइल चोरी हो गया, और चालक ने उसे कुछ दूरी पर उतार दिया। शिवा ने पुलिस को बताया कि ऑटो का रंग हरा था और नंबर प्लेट (यूपी 80 डीटी) पर बोतल लगी होने के कारण पूरा नंबर नहीं दिखा। पुलिस ने स्मार्ट सिटी के सीसीटीवी कैमरों की मदद से ऑटो का रूट ट्रेस किया और गुरुवार (18 सितंबर 2025) रात को ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र से चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों का विवरण:
- कमल जैन (आवास विकास कॉलोनी, आगरा) – गैंग का सरगना और ऑटो चालक।
- शाहरुख (दहतोरा, आगरा) – लूट में सहयोगी।
- राजू (न्यू आजमपाड़ा, आगरा) – लूट में सहयोगी।
- माजिद (कश्मीरी गेट, फिरोजाबाद) – लूट में सहयोगी।
एसीपी हरीपर्वत अक्षय संजय महाडिक ने बताया कि कमल जैन, शाहरुख, और माजिद पर पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि राजू पहली बार पकड़ा गया है। गैंग की शातिर कार्यप्रणाली के कारण पुलिस को इनकी पहचान करने में चुनौती का सामना करना पड़ रहा था।
पुलिस की बरामदगी:
- 11 मोबाइल (लूटे गए)
- 4,220 रुपये नकद
- एक तमंचा और कारतूस
- घटना में प्रयुक्त ऑटो
राजू ने पूछताछ में बताया कि गैंग बस स्टैंड के पास ऑटो खड़ा करता था और अकेले यात्रियों को निशाना बनाता था। लूट के बाद मोबाइल बेच दिए जाते थे, और एक साथ कई वारदातों के बाद ऑटो का रंग बदल दिया जाता था। नंबर प्लेट पर बोतल लगाने की रणनीति से पुलिस की नजरों से बचने की कोशिश की जाती थी।
आगरा पुलिस की इस कार्रवाई से शहर में सवारी बनकर लूट करने वाले शातिर गैंग का खुलासा हुआ है। यह गैंग न केवल लूटपाट करता था, बल्कि अपनी पहचान छिपाने के लिए अनोखी तरकीबें अपनाता था। पुलिस अब इनके अन्य आपराधिक रिकॉर्ड और संभावित सहयोगियों की जांच कर रही है, ताकि इस तरह की वारदातों को पूरी तरह रोका जा सके।