
अंबेडकरनगर जिले में एचआईवी संक्रमण की स्थिति चिंताजनक रूप से बिगड़ रही है। पिछले छह महीनों में 112 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से अधिकांश दूसरे राज्यों से काम करके लौटे मजदूर हैं। संक्रमण की चेन फैलने से कई महिलाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिनमें चार गर्भवती महिलाएं शामिल हैं।
एक का प्रसव हो चुका है, लेकिन सक्रिय निगरानी से नवजात शिशु सुरक्षित हैं। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि जागरूकता की कमी और असुरक्षित व्यवहार से मामला और बिगड़ सकता है।
जिले में 2005 से संचालित संपूर्ण सुरक्षा केंद्र (इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर) के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 2,040 लोग एचआईवी से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें 160 की मौत हो चुकी है। इस वित्तीय वर्ष में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। पिछले वर्ष पूरे 12 महीनों में 138 नए केस थे, जबकि इस बार छह महीनों में ही 112 मामले दर्ज हो चुके हैं।
मौतों की संख्या भी दोगुनी हो गई—पिछले वर्ष 2 मौतें, इस बार छह महीनों में 4। वर्तमान में 1,880 एक्टिव मरीज हैं, जिनमें से 1,689 जिला अस्पताल से दवाएं ले रहे हैं, शेष लखनऊ या अन्य जिलों में इलाज करा रहे हैं।
संक्रमितों में दूसरे प्रांतों से लौटे मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है, जो काम के सिलसिले में असुरक्षित व्यवहार के शिकार हुए। इनके संपर्क में आने से महिलाएं प्रभावित हो रही हैं। चार गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की पुष्टि प्रसव के बाद हुई, लेकिन एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) से नवजातों को बचाया गया। केंद्र और राज्य सरकार के जागरूकता कार्यक्रम, मुफ्त जांच और दवा वितरण के बावजूद लापरवाही बनी हुई है।