लखनऊ में गेम के जाल में फंसा 13 साल का यश: पिता के 14 लाख रुपये हारने के बाद की इससे बात, इतने हजार का आखिरी ट्रांसफर; सुसाइड से पहले की ऐसी जिद

लखनऊ के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र के धनुवासाड़ गांव में ऑनलाइन गेम फ्री फायर के चक्कर में फंसकर 13 वर्षीय यश कुमार ने आत्महत्या कर ली। पिता सुरेश कुमार यादव ने खेत बेचकर मकान निर्माण के लिए जमा किए 14 लाख रुपये यश ने गेम में गंवा दिए।

जांच में खुलासा हुआ कि सुसाइड से एक दिन पहले (रविवार) यश ने आखिरी बार 51 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे। पुलिस को शक है कि यश बिहार के एक युवक के संपर्क में था, जिसने उसे गुमराह किया। यश अकेले में फोन पर बात करता था और बिहार जाने की जिद कर रहा था।

एसीपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा ने बताया कि यश का मोबाइल फोन जब्त कर फोरेंसिक लैब भेजा गया है, जहां डेटा रिकवर किया जाएगा। आशंका है कि बिहार का युवक फोन का एक्सेस लेकर इसे फॉर्मेट कर चुका है। बैंक दस्तावेजों से पता चला कि पिछले 10 महीनों से लगातार ट्रांजेक्शन हो रहे थे। कभी खाते में रकम आती भी थी, जो गेम में जीत का लालच दिखाता है। यश ने इंस्टाग्राम पर बिहार के युवक से दोस्ती की थी, जो गेम में करोड़ों कमाने का झांसा देता था। यश के गांव के दोस्तों ने बताया कि युवक ने यश को लिंक भेजा, जिस पर क्लिक करने से पैसा लगता गया।

यश की बहन गुनगुन (कक्षा 4) ने बताया कि भाई देर रात अकेले फोन पर बात करता था। दिन में भी कॉल आती, लेकिन दूसरा फोन उठाने पर चुप हो जाता। यश ने कहा था कि इंस्टाग्राम पर बिहार का दोस्त बना है। पिता सुरेश ने बताया कि पिछले 10 दिनों से यश बिहार जाने की जिद कर रहा था। सोमवार को बैंक से पैसे न मिलने पर सुरेश ने ट्यूशन टीचर से बात की, जो यश को पढ़ाते थे। यश को पता चल गया, तो डरकर छत पर कमरे में फंदा लगा लिया। गुनगुन ने चीख मचाई, लेकिन देर हो चुकी थी।

सुरेश ने बिजनौर यूनियन बैंक में खाता खोला था। पुलिस ने दस्तावेज जुटाए और ट्रांजेक्शन की पड़ताल कर रही है। एसीपी ने कहा कि परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज होगा। आशंका है कि यश साइबर जालसाजों के चंगुल में था। फ्री फायर बैटल रॉयल गेम है, जहां खिलाड़ी हथियार ढूंढकर लड़ते हैं। 2022 में सरकार ने इसे बैन किया था, लेकिन यह अभी उपलब्ध है।

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