
प्रयागराज से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां जेंडर आइडेंटिटी की जद्दोजहद में फंसे एक युवक ने लड़की बनने की तीव्र इच्छा में खतरनाक कदम उठा लिया। अमेठी जिले का यह युवक प्रयागराज में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहा था।
बचपन से ही वह खुद को लड़की मानता था, उसकी आवाज और हाव-भाव भी स्त्रीलिंग जैसे थे, जिससे वह लंबे समय से मानसिक दुविधा में था। इस दुविधा को दूर करने के लिए उसने बिना किसी चिकित्सकीय सलाह के खुद ही अपने जननांग को काटने का प्रयास किया।
सूत्रों के मुताबिक, युवक ने यूट्यूब वीडियोज से प्रेरित होकर एनेस्थेसिया का इंजेक्शन खुद लगाया, ताकि दर्द न हो। लेकिन प्रक्रिया के दौरान स्थिति बिगड़ गई और वह तड़पने लगा। चीखें सुनकर मकान मालिक ने तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत गंभीर बनी हुई है और सर्जिकल टीम जीवन रक्षक उपचार में जुटी हुई है। युवक ने पूछताछ में कबूल किया कि वह परिवार को कुछ नहीं बताना चाहता था, क्योंकि इकलौता बेटा होने के कारण घरवाले उसकी इस इच्छा को नकारते।
यह घटना जेंडर डिस्फोरिया (जेंडर पहचान संबंधी असंतोष) से जूझ रहे लोगों की मानसिक पीड़ा को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में मनोचिकित्सकीय परामर्श और चिकित्सकीय सहायता अनिवार्य है। यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध गलत जानकारी से प्रेरित होकर उठाए गए कदम जानलेवा साबित हो सकते हैं।
प्रयागराज पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और युवक के परिवार को सूचित कर दिया गया है। समाज को जेंडर आइडेंटिटी से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है, ताकि ऐसे हादसे न हों।