यूपी: 31 साल पुराने दो सगे भाइयों हत्याकांड में पूर्व बसपा विधायक छोटे सिंह चौहान को आजीवन कारावास, उरई में भारी फोर्स तैनात

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के उरई में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 31 साल पुराने दोहरे हत्याकांड के मामले में बसपा के पूर्व विधायक छोटे सिंह चौहान को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश भारतेंदु सिंह की अदालत ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया, जिसके बाद चौहान ने आत्मसमर्पण कर दिया।

कोर्ट ने सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया है। मामले में अन्य नौ आरोपियों को पहले ही हाईकोर्ट से स्टे मिल चुका था। सजा सुनाने के दौरान सुरक्षा को देखते हुए अदालत और आसपास के इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।

घटना 30 मई 1994 की है, जब चुर्खी थाना क्षेत्र के बिनौरा बैध गांव में प्रधानी चुनाव की रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई में गांव के ही राजकुमार उर्फ राजा भैया और उनके सगे भाई जगदीश शरण की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतकों के भाई रामकुमार की तहरीर पर पुलिस ने छोटे सिंह चौहान सहित दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

जांच में चौहान पर मुख्य आरोपी के रूप में नाम आया, लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। बाद में जमानत पर रिहा होने के बाद 2007 में बसपा के टिकट पर कालपी विधानसभा सीट से विधायक बने। 2022 में वे भाजपा में शामिल हो गए, लेकिन हाल के चुनाव में निषाद पार्टी से 2816 वोटों से हार गए।

परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसने राज्यपाल के केस वापसी के आदेश को रद्द कर एमपी-एमएलए कोर्ट में तेज सुनवाई का आदेश दिया। 24 मई 2024 से सुनवाई तेज हुई और सोमवार को दोषसिद्धि हुई। वादी के वकील श्याम द्विवेदी ने बताया कि रुद्रपाल सिंह उर्फ लल्ले की प्रधानी चुनाव लड़ने की इच्छा से जगदीश शरण से रंजिश हो गई थी, जिसके चलते हत्या की साजिश रची गई।

पुलिस ने चार्जशीट में छोटे सिंह, अखिलेश कृष्ण मुरारी, बच्चा सिंह और छुन्ना सिंह के नाम शामिल किए थे। इस फैसले से मृतकों के परिजनों को न्याय मिला है, लेकिन इलाके में तनाव की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

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