
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 9 सितंबर 2025 को हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने हिमाचल के मंडी और कुल्लू जिलों में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और कांगड़ा में राहत कार्यों की समीक्षा की।

इस दौरान पीएम ने हिमाचल प्रदेश के लिए 1500 करोड़ रुपये के विशेष राहत पैकेज की घोषणा की, ताकि आपदा प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता और पुनर्वास में मदद मिल सके। इसके बाद, उन्होंने पंजाब के गुरदासपुर में भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
हिमाचल प्रदेश दौरा
पीएम मोदी दोपहर करीब 1:20 बजे विशेष विमान से कांगड़ा के गग्गल हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने उनका स्वागत किया। इसके बाद, उन्होंने मंडी और कुल्लू के बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। कांगड़ा में उन्होंने एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें राहत और पुनर्वास कार्यों पर चर्चा हुई। पीएम ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), और आपदा मित्र टीमों के साथ-साथ बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की।
हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 8 सितंबर तक भारी बारिश, बादल फटने, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, 370 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 205 की बारिश से संबंधित घटनाओं (43 भूस्खलन, 17 बादल फटने, 9 फ्लैश फ्लड) और 165 की सड़क हादसों में। 41 लोग अभी भी लापता हैं। कुल नुकसान का अनुमान 4,122 करोड़ रुपये है, जिसमें 6,344 घर, 461 दुकानें और कारखाने प्रभावित हुए हैं।
1500 करोड़ रुपये का पैकेज: पीएम मोदी ने समीक्षा बैठक में हिमाचल के लिए 1500 करोड़ रुपये के तत्काल राहत पैकेज की घोषणा की। यह राशि सड़कों, पुलों, जल आपूर्ति योजनाओं और बिजली बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए इस्तेमाल होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि यह राशि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास को गति देगी।
पंजाब दौरा
हिमाचल के बाद, पीएम मोदी ने दोपहर 3 बजे पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और शाम 4:15 बजे गुरदासपुर के टिबरी आर्मी स्टेशन पहुंचे। वहां उन्होंने वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और बाढ़ प्रभावित लोगों, NDRF, SDRF और आपदा मित्र टीमों से मुलाकात की। पंजाब में बाढ़ ने 51 लोगों की जान ले ली है, और 3.87 लाख लोग 15 जिलों में प्रभावित हुए हैं। 1.84 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र नष्ट हुआ है, और नुकसान का अनुमान 13,289 करोड़ रुपये है।
पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने पीएम से 25,000 करोड़ रुपये के तत्काल मुआवजे और 60,000 करोड़ रुपये के लंबित बकाया (50,000 करोड़ रुपये GST और 8,000 करोड़ रुपये ग्रामीण विकास निधि) की मांग की थी। हालांकि, पीएम ने पंजाब के लिए तत्काल राहत पैकेज की कोई विशिष्ट घोषणा नहीं की, लेकिन उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
पीएम का बयान
दिल्ली से रवाना होने से पहले, पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “हिमाचल प्रदेश और पंजाब में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति की समीक्षा के लिए जा रहा हूं। भारत सरकार इस दुखद घड़ी में प्रभावित लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।” उन्होंने विशेष रूप से 11 महीने की बच्ची नीतिका का जिक्र किया, जिसने बाढ़ में अपना पूरा परिवार खो दिया, और कहा, “मेरा दिल नीतिका के लिए टूटता है। भगवान का शुक्र है कि वह बची।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
- हिमाचल: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीएम के दौरे और 1500 करोड़ रुपये के पैकेज की सराहना की, लेकिन उन्होंने 5,000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग दोहराई। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पीएम का दौरा प्रभावित लोगों के लिए आशा की किरण है।
- पंजाब: आप नेता और पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने पीएम के दौरे को “बाढ़ पर्यटन” करार देते हुए 20,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की थी। पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि पीएम बाढ़ की स्थिति पर गहरी नजर रख रहे हैं।
- विपक्ष: कुछ ‘एक्स’ पोस्ट में दावा किया गया कि पीएम ने पंजाब में बांधों के गेट खोलने का आदेश दिया, जिससे सिख गांव डूब गए, लेकिन ये दावे सत्यापित नहीं हैं और संदिग्ध माने जा रहे हैं।
पीएम मोदी का हिमाचल और पंजाब दौरा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों को गति देने के लिए महत्वपूर्ण रहा। हिमाचल के लिए 1500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा से पुनर्निर्माण को बल मिलेगा।