
बरेली जिले में भारी बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी के कारण बहगुल नदी उफान पर है, जिससे फरीदपुर तहसील क्षेत्र में बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है। शनिवार को सैदापुर से शाहपुर बनियान जाने वाला मार्ग बाढ़ के पानी से कट गया, जिससे करीब 20 गांवों का संपर्क टूट गया है। मार्ग पर तीन फीट तक पानी बह रहा है, और लोग जान जोखिम में डालकर इस पानी से गुजर रहे हैं।

सैदापुर गांव के राजेंद्र कुमार ने बताया कि बहगुल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीणों में दहशत है। तेज बहाव के कारण मार्ग कट रहा है, और लोग अपनी जान को खतरे में डालकर आवागमन कर रहे हैं। बाढ़ के पानी ने बाकरगंज गांव को भी चपेट में लिया है, जहां सुनील बाबू ने बताया कि करीब 40 किसानों की 250 बीघा धान, बाजरा और तिल की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। यदि जलस्तर और बढ़ा तो नुकसान का दायरा और व्यापक हो सकता है।
पुल पर आवागमन बंद, प्रशासन सतर्क
भुता क्षेत्र के सिंगाही मुरावान के पास बने पुल पर बहगुल नदी का पानी बहने के कारण प्रशासन ने बल्लियां लगाकर आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया है। सिंगाही मुरावान, सकतपुरा, रहपुरा, अधकटा, दासपुर, पहरापुर, गुलरिया जैसे दर्जनों गांवों के लोग पहले डनलप और अन्य साधनों से जान जोखिम में डालकर निकल रहे थे। अब मार्ग बंद होने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एसडीएम सदर प्रमोद ने मौके का मुआयना कर बताया कि स्थिति सामान्य होते ही मार्ग खोल दिया जाएगा।
अधिकारियों का दौरा, स्वास्थ्य कैंप आयोजित
रामगंगा और अन्य नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अपर जिला अधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित सैदापुर और बुधौली गांवों का दौरा किया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कैंप लगाकर ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की। प्रशासन ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं, और प्रभावित गांवों में निगरानी बढ़ा दी गई है।
कृषि और आजीविका पर संकट
बाढ़ ने किसानों की आजीविका को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। सैकड़ों बीघा फसलें जलमग्न होने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर राहत और मुआवजा नहीं मिला तो उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी।
बाढ़ के कारण सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से बाजारों और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच भी बाधित हो रही है।