
अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने पर तीखी आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत की यह नीति यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा दे रही है। फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में बेसेंट ने भारत को गलत ठहराते हुए कहा कि यदि भारत ने अपनी नीति नहीं बदली, तो अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।

जब उनसे चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के बारे में पूछा गया, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया था, तो बेसेंट ने इसे ‘पहले से तय और दिखावटी’ करार दिया। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, और इसके मूल्य अमेरिका के ज्यादा करीब हैं, फिर चीन के, और रूस के मूल्यों से तो कहीं अधिक दूर हैं।”
बेसेंट ने भारत के रूसी तेल आयात को ‘मुनाफाखोरी’ करार देते हुए दावा किया कि भारत सस्ते रूसी तेल को खरीदकर उसे रिफाइन कर वैश्विक बाजार में बेच रहा है, जिससे कुछ भारतीय परिवारों ने 16 अरब डॉलर का अतिरिक्त मुनाफा कमाया है। उन्होंने इसे ‘अस्वीकार्य’ बताया और कहा कि यह प्रथा यूक्रेन युद्ध के दौरान शुरू हुई, जो अमेरिका के लिए चिंता का विषय है।