
कानपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें डिब्रूगढ़ एयरफोर्स स्टेशन में तैनात बिधनू निवासी संजीत कुमार और अन्य लोगों पर एक युवती द्वारा सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया गया है। संजीत की पत्नी राधा ने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से मुलाकात कर दावा किया कि उनके पति और अन्य लोगों को फंसाया गया है।

राधा का कहना है कि शिकायतकर्ता युवती पहले भी कई लोगों के खिलाफ इस तरह की शिकायत दर्ज करा चुकी है। इस मामले की जांच अब विशेष जांच दल (SIT) को सौंप दी गई है।
मामला जूही क्षेत्र की एक युवती से जुड़ा है, जिसने नरवल थाने में संजीत कुमार, उन्नाव के फरीद खान, हरबंश मोहाल के मनीष बाजपेई, बर्रा आठ के सुरजीत प्रताप सिंह और नरवल के मयंक कुमार के खिलाफ दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं में FIR दर्ज कराई थी। राधा के अनुसार, यह घटना 8 दिसंबर 2021 को बताई गई, लेकिन शिकायत दो साल बाद दर्ज की गई। युवती ने घटनास्थल उन्नाव बताया, लेकिन उन्नाव पुलिस के बजाय कानपुर पुलिस में शिकायत की। राधा का दावा है कि उनके पति और अन्य आरोपी घटना के समय शहर में मौजूद नहीं थे और उन्हें जानबूझकर फंसाया गया।
राधा ने बताया कि युवती के पिता, बहन और जीजा अधिवक्ता अखिलेश दुबे के करीबी हैं। अखिलेश और उनके साथियों के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें घटनाक्रम का पैटर्न एक जैसा है। राधा ने यह भी आरोप लगाया कि नरवल थाने में दर्ज शिकायत के बाद जांच को एसीपी कलक्टरगंज को ट्रांसफर किया गया, जिसका होमगार्ड युवती का जीजा है। इस कारण उनके पति और मनीष बाजपेई की शिकायतों को नजरअंदाज किया गया।
मामले में मनीष बाजपेई का हरबंश मोहाल थाने के हिस्ट्रीशीटर पिंकू सैनी के साथ प्रॉपर्टी विवाद था। राधा का कहना है कि पिंकू सैनी क्षेत्राधिकारी ऋषिकांत शुक्ला के साथ प्रॉपर्टी का काम करता था, जिसके चलते मनीष को इस मामले में फंसाया गया। वहीं, सुरजीत प्रताप सिंह, जो पत्रकारिता से जुड़े हैं, ने केडीए के खिलाफ कई खबरें लिखी थीं, जिसमें अखिलेश दुबे के सहयोगी शामिल थे। राधा का आरोप है कि इसी कारण सुरजीत को भी इस मामले में फंसाया गया। मयंक कुमार के बारे में बताया गया कि वह घटना के समय हरियाणा में एक कंपनी में कार्यरत थे।
राधा ने यह भी दावा किया कि शिकायतकर्ता युवती पड़ोसी गांव की है और उसने 2021 में उनसे पांच लाख रुपये की मांग की थी। रकम न देने पर जेल भेजने की धमकी दी थी। संजीत कुमार ने बताया कि वह 2017 से एक ही मोबाइल नंबर का उपयोग कर रहे हैं और घटना के समय ड्यूटी पर थे। सीडीआर से सच्चाई का पता लगाया जा सकता था, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। सुरजीत ने दावा किया कि उन्होंने केडीए में 10 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा किया था, जिसके चलते उन्हें फंसाया गया। मनीष ने बताया कि पिंकू सैनी ने उनकी प्रॉपर्टी पर कब्जा किया था और वह अखिलेश का करीबी है। घटना के समय मनीष तिहाड़ जेल में थे और रात 8:30 बजे छूटे थे।
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने राधा को आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। उन्होंने पुष्टि की कि जांच SIT को सौंप दी गई है। यह मामला कानपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इसमें कई गंभीर आरोप और सनसनीखेज खुलासे सामने आ रहे हैं।