
शाहजहांपुर के रोजा थाना क्षेत्र की दुर्गा एन्कलेव कॉलोनी में 27 अगस्त 2025 को एक दिल झकझोर देने वाली घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। हैंडलूम कारोबारी सचिन ग्रोवर (35) और उनकी पत्नी शिवांगी (32) ने अपने चार साल के मासूम बेटे को जहर देने के बाद आत्महत्या कर ली।

सचिन और शिवांगी के शव अलग-अलग कमरों में फंदे से लटके मिले, जबकि बच्चे का शव बेड पर कंबल से ढका हुआ था, उसके मुंह से झाग निकल रहे थे। पुलिस को सचिन के फोन में 33 पन्नों का सुसाइड नोट मिला, जिसमें आर्थिक तंगी और देनदारियों का जिक्र है। इस घटना ने न केवल कॉलोनी में सनसनी फैला दी, बल्कि भारत की व्यापक आर्थिक चुनौतियों को भी उजागर किया, खासकर अमेरिकी टैरिफ के संदर्भ में।
सचिन ग्रोवर अपने परिवार के साथ दुर्गा एन्कलेव कॉलोनी में दो मंजिला मकान की दूसरी मंजिल पर रहते थे। उनके दो भाई, रोहित और मोहित, भी उसी मकान में रहते हैं। 27 अगस्त को मोहित के नवजात बेटे का नामकरण समारोह होना था। सुबह 8 बजे तक सचिन और उनका परिवार नीचे नहीं आया, जिसके बाद मां सीमा और अन्य परिजनों ने ऊपर जाकर देखा। कमरे का दरवाजा खोलते ही परिजनों की चीखें गूंज उठीं। सचिन और शिवांगी के शव फंदे से लटके थे, और मासूम बेटे का शव बेड पर पड़ा था। पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
सुसाइड नोट और आर्थिक तंगी
पुलिस को सचिन के मोबाइल में 33 पन्नों का सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने आर्थिक तंगी और कई लोगों से कर्ज के दबाव का जिक्र किया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि सचिन का हैंडलूम कारोबार हाल के महीनों में भारी नुकसान में था। स्थानीय लोगों के अनुसार, सचिन का कारोबार छोटे पैमाने का था, और वह स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हैंडलूम कपड़े सप्लाई करते थे।