राज्यसभा में ऑनलाइन गेमिंग बिल पास, एसआईआर मुद्दे पर खरगे-रिजिजू में तीखी बहस

संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को राज्यसभा में प्रोमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 पास हो गया।

इस बिल को बुधवार को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित किया गया था। बिल का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स, शैक्षिक और सामाजिक गेमिंग को बढ़ावा देना है, जबकि रियल मनी गेमिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाना है, ताकि लत, वित्तीय नुकसान और सुरक्षा जोखिमों को रोका जा सके।

बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर हंगामा किया। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने एसआईआर पर बोलने की कोशिश की, लेकिन सभापति ने उन्हें रोक दिया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने खरगे के प्रति नाराजगी जताई और कहा कि विपक्ष की ओर से बार-बार कार्यवाही में व्यवधान डाला जा रहा है। दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस हुई। रिजिजू ने विपक्ष पर संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी हरकतें स्कूली बच्चों तक के लिए मजाक का विषय बन गई हैं।

विपक्ष ने एसआईआर को लेकर “वोट चोरी” का आरोप लगाया और इस पर चर्चा की मांग की। सभापति द्वारा खरगे को बोलने से रोकने पर विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की, जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। बावजूद इसके, बिल को राज्यसभा में पारित कर दिया गया, जिसे अब राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

कांग्रेस सांसद प्रियंक खरगे ने बिल को “कठोर” बताते हुए कहा कि यह बिना हितधारकों से चर्चा के लागू किया गया, जिससे 2,000 से अधिक गेमिंग स्टार्टअप्स और 2 लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए कहा कि यह कदम अवैध ऑफशोर प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देगा।

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