
भारतीय वायुसेना (IAF) और भारतीय नौसेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के लिए एक बड़ा ऑर्डर देने की तैयारी कर ली है। ऑपरेशन सिंदूर में इन मिसाइलों ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुँचाकर अपनी ताकत का लोहा मनवाया था। इस ऑर्डर से भारत की सैन्य ताकत और आत्मनिर्भरता को और मजबूती मिलेगी।

ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस की अहम भूमिका
ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 से 10 मई 2025 तक चला, भारत का पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी हमला था, जिसे 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने सुखोई-30 एमकेआई (Su-30 MKI) लड़ाकू विमानों से 15-19 ब्रह्मोस मिसाइलें दागीं, जिन्होंने पाकिस्तान की 11 प्रमुख वायुसेना ठिकानों को निशाना बनाया। इन हमलों ने पाकिस्तान के रडार सिस्टम, कमांड सेंटर, रनवे और हथियार डिपो को भारी नुकसान पहुँचाया, जिससे उनकी वायु रक्षा प्रणाली और जवाबी हमले की क्षमता लगभग ठप हो गई।
ब्रह्मोस: भारत-रूस का संयुक्त शक्ति प्रदर्शन
भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित यह मिसाइल अपनी मच 2.8-3.0 की गति, 450-800 किलोमीटर की रेंज और अचूक निशाने की क्षमता के लिए जानी जाती है। ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर काम करने वाली यह मिसाइल जहाजों, पनडुब्बियों, जमीन और हवाई प्लेटफॉर्म से लॉन्च की जा सकती है। ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इसका युद्ध में उपयोग हुआ, जिसने इसकी घातकता और रणनीतिक महत्व को साबित किया।
वायुसेना और नौसेना का नया ऑर्डर
रक्षा मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय बैठक जल्द होने वाली है, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइलों की बड़ी खरीद को मंजूरी दी जाएगी। यह ऑर्डर भारतीय नौसेना के वीर-क्लास युद्धक जहाजों और वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के लिए होगा। नौसेना अपनी जहाज-आधारित ब्रह्मोस मिसाइलों को और मजबूत करेगी, जो समुद्र से समुद्र और समुद्र से जमीन पर हमले की क्षमता रखती हैं। वहीं, वायुसेना के 40 सुखोई-30 एमकेआई विमानों को ब्रह्मोस-ए (हवाई संस्करण) ले जाने के लिए पहले ही संशोधित किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी हथियारों की सफलता की सराहना करते हुए कहा, “दुनिया ने हमारे स्वदेशी हथियारों की ताकत देखी।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी लखनऊ में ब्रह्मोस एकीकरण और परीक्षण सुविधा केंद्र के उद्घाटन के दौरान इसे भारत की सैन्य ताकत का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “ब्रह्मोस केवल एक मिसाइल नहीं, बल्कि भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए हमारी अटल प्रतिबद्धता का संदेश है।”
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया, बल्कि स्वदेशी हथियारों जैसे ब्रह्मोस, आकाश और समर वायु रक्षा प्रणालियों की प्रभावशीलता को भी रेखांकित किया। इस ऑर्डर से भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और क्षेत्रीय प्रभुत्व को और बल मिलेगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस सुविधा के उद्घाटन के दौरान कहा, “पाकिस्तान से पूछिए, ब्रह्मोस की ताकत क्या है।”