भारत-चीन झड़प के बाद सेना पर टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी की आलोचना

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारत-चीन सीमा पर सेना पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उन्हें फटकार लगाई।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारत-चीन सीमा पर सेना पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उन्हें फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी उस समय की जब कांग्रेस नेता ने कहा था कि चीन ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, “आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है? विश्वसनीय जानकारी क्या है? अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ऐसा नहीं कहते। जब सीमा पार कोई विवाद होता है… तो क्या आप ये सब कह सकते हैं? आप संसद में सवाल क्यों नहीं पूछ सकते? हालांकि, शीर्ष अदालत ने लोकसभा नेता प्रतिपक्ष को राहत देते हुए उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी। यह मामला 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन संघर्ष के दौरान भारतीय सेना के बारे में उनके द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था।

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव द्वारा दायर मानहानि के मामले की लखनऊ की एक अदालत में सुनवाई चल रही है। यह शिकायत राहुल गांधी द्वारा 16 दिसंबर, 2022 को अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों से संबंधित है। याचिका के अनुसार, 9 दिसंबर, 2022 को अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सैन्य झड़प से जुड़ी गांधी की टिप्पणियां भारतीय सेना के प्रति अपमानजनक थीं। श्रीवास्तव ने विशेष रूप से गांधी पर बार-बार यह कहने का आरोप लगाया कि चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की “पिटाई” कर रहे हैं और भारतीय मीडिया इस घटना पर सवाल उठाने से बचेगा।

लखनऊ की अदालत ने पहले कहा था कि यह बयान पहली नज़र में सशस्त्र बलों के सदस्यों और उनके परिवारों का मनोबल गिराने वाला प्रतीत होता है। इस टिप्पणी को चुनौती देते हुए, गांधी ने बाद में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। भारत और चीन की सेनाएँ 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर आमने-सामने थीं। गलवान घाटी में भारत की सड़क परियोजनाओं पर चीन द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद यह झड़पें शुरू हुईं। पैंगोंग झील और पूर्वी लद्दाख सहित LAC पर कई जगहों पर झड़पें हुईं।

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