बरेली: नेपाली युवती को चोर समझकर खंभे से बांधकर पीटा, इतने आरोपी भेजे गए जेल, बोला ये

बरेली के किला थाना क्षेत्र के बारादरी मोहल्ले में शुक्रवार (1 अगस्त 2025) रात एक नेपाली युवती, सुस्मिता सारु मगर उर्फ काजल, को चोर समझकर भीड़ ने बेरहमी से पीटने और खंभे से बांधने की शर्मनाक घटना सामने आई।

पुलिस ने चार आरोपियों—गौरव सक्सेना, शिवम सक्सेना, अमन सक्सेना, और अरुण सैनी—को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने गलती से युवती को चोर समझकर उसकी पिटाई की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की।

नेपाल के पोखरा जिले की रहने वाली सुस्मिता नोएडा में नौकरी करती थी, लेकिन नौकरी छूटने के बाद वह अपने परिचित विनय गंगवार और रेशम सिंह के बुलावे पर बरेली आई थी। शुक्रवार रात करीब 1 बजे वह विनय के घर की छत पर फोन पर बात कर रही थी। उस समय मोहल्ले में ड्रोन और चोरों की अफवाह के चलते लोग पहरेदारी कर रहे थे। छत पर अकेली युवती को देखकर भीड़ ने उसे चोर समझ लिया और “चोर-चोर” का शोर मचाया। डर के मारे सुस्मिता ने छत से छलांग लगा दी, जिससे उसके दाएं पैर की हड्डी टूट गई। इसके बाद भीड़ ने उसे पकड़कर रस्सी से खंभे पर बांधा, डंडों से पीटा, और उसके कपड़े फट गए। हमले में उसके दो दांत टूट गए और पैर में गंभीर चोट आई। सुस्मिता बार-बार कहती रही, “मैं चोर नहीं हूं, पुलिस को बुलाओ,” लेकिन भीड़ ने उसकी एक न सुनी।

पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही किला थाना पुलिस मौके पर पहुंची और सुस्मिता को भीड़ से मुक्त कराकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (नगर) मानुष पारीक ने बताया कि वायरल वीडियो और पीड़िता की शिकायत के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, और अन्य संलिप्त लोगों की पहचान के लिए जांच जारी है। किला थाना प्रभारी सुरेश चंद्र गौतम ने कहा कि आरोपियों ने अपनी गलती स्वीकार की है, और कुछ ने उसे बांधने, तो कुछ ने पिटाई में हिस्सा लिया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। सुस्मिता की हालत अब स्थिर है, और उसका इलाज कोकिला अस्पताल में चल रहा है।

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