भागलपुर के लकड़ा कोल में पुलिस पर ग्रामीणों का हमला: इतने पुलिसकर्मी घायल, हथियार लूटा, अपहरण मामले में छापेमारी के दौरान हंगामा

भागलपुर जिले के पीरपैंती थाना क्षेत्र के लकड़ा कोल गांव में देर रात एक अपहरण मामले की जांच के लिए पहुंची कहलगांव थाने की पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इस हमले में सब-इंस्पेक्टर (SI) देवगुरु सहित चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, और एक पुलिसकर्मी की पिस्टल भी लूट ली गई।

पुलिस ने अपहृत युवक विजय भगत को सकुशल बरामद कर लिया, लेकिन मुख्य आरोपी राजेश यादव फरार हो गया। पुलिस ने 40-50 हमलावरों की पहचान शुरू कर दी है और सख्त कार्रवाई की बात कही है।

25 जुलाई की सुबह सन्हौला निवासी विजय भगत का सबौर बाजार से अपहरण कर लिया गया था। उसकी मां कमली देवी ने सन्हौला थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की। अपहरणकर्ताओं ने परिजनों को फोन कर 40 लाख रुपये की फिरौती मांगी और न देने पर विजय को मारने की धमकी दी। पुलिस ने अपहरणकर्ता के मोबाइल नंबर की लोकेशन ट्रेस कर लकड़ा कोल गांव का पता लगाया।

रात करीब 10 बजे, कहलगांव के SDPO कल्याण आनंद के नेतृत्व में एक पुलिस टीम, जिसमें SI देवगुरु, तीन सिपाही (रंजीत कुमार, रोहित रंजन, अमित कुमार), और एक चौकीदार (प्रितम कुमार) शामिल थे, सिविल ड्रेस में एक निजी वाहन से लकड़ा कोल पहुंची। परिजनों को भी साथ लिया गया था। पुलिस का दावा है कि गांव में पहुंचते ही कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया, क्योंकि ग्रामीणों ने सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मियों को अपराधी समझ लिया।

हमले की स्थिति

  • पथराव और हिंसा: ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर, ईंट, और बांस के डंडों से हमला किया। SI देवगुरु को सिर और हाथ में गंभीर चोटें आईं, जबकि अन्य तीन पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं। एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन ली गई।
  • पुलिस की फायरिंग: ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने हंगामा बढ़ता देख करीब नौ राउंड फायरिंग की, जिसमें से पांच खोखे घटनास्थल से बरामद हुए। हालांकि, पुलिस ने फायरिंग की पुष्टि नहीं की।
  • वाहन क्षतिग्रस्त: हमलावरों ने पुलिस की निजी गाड़ी पर भी पथराव किया, जिससे वह क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिसकर्मियों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा।
  • बचाव और कार्रवाई: सूचना मिलने पर कहलगांव और एनटीपीसी थाने की अतिरिक्त टीमें, जिसमें थानाध्यक्ष सुशील कुमार और SDPO कल्याण आनंद शामिल थे, मौके पर पहुंची। इस दौरान सुशील कुमार को भी चोटें आईं। सभी घायल पुलिसकर्मियों को कहलगांव के एनटीपीसी जीवन ज्योति अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां SI देवगुरु की हालत गंभीर बनी हुई है।

पुलिस की प्रतिक्रिया

SDPO कल्याण आनंद ने बताया कि पुलिस ने अपहृत विजय भगत को सकुशल बरामद कर लिया है। अपहरण मामले के मुख्य आरोपी राजेश यादव हंगामे का फायदा उठाकर फरार हो गया। पुलिस ने 10-12 हमलावरों को चिह्नित किया है और 40-50 लोगों की पहचान के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। घटनास्थल से बरामद खोखों और लूटी गई पिस्टल की जांच की जा रही है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 351(3) (आपराधिक धमकी), 351(4) (हमला), और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

ग्रामीणों का पक्ष

ग्रामीणों का कहना है कि सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मियों ने बिना पहचान बताए कार्रवाई शुरू की, जिससे उन्हें अपराधी समझ लिया गया। कुछ ग्रामीणों ने दावा किया कि पुलिस ने पहले फायरिंग की, जिससे गुस्साए लोगों ने जवाबी कार्रवाई की। हालांकि, पुलिस ने इस दावे को खारिज किया और कहा कि वे अपहरण मामले की जांच के लिए नियमित प्रक्रिया का पालन कर रहे थे।

बिहार में पुलिस पर हमले की बढ़ती घटनाएं

यह घटना बिहार में पुलिस पर हमलों की हालिया श्रृंखला में एक और कड़ी है। मार्च 2025 में भी भागलपुर के कसरी गांव में एक पुलिस टीम पर हमला हुआ था, जिसमें पांच पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसी तरह, मुंगेर और अररिया में भी पुलिसकर्मियों पर हमले में दो ASI की मौत हो चुकी है। बिहार पुलिस के DGP विनय कुमार ने सभी थानों को छापेमारी से पहले स्थिति का आकलन करने और पर्याप्त बल के साथ जाने के निर्देश दिए हैं।

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