आगरा में डबल मर्डर का खुलासा: संपत्ति विवाद में बड़े भाई ने रची साजिश, छोटे भाई और दोस्त की हत्या

आगरा के किरावली थाना क्षेत्र में 14 जुलाई को हुए दोहरे हत्याकांड ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी थी। अछनेरा के गांव अरदाया निवासी दो दोस्तों, कृष्णपाल उर्फ केपी (35) और नेत्रपाल (38), के खून से लथपथ शव पुरामना नहर की पटरी पर खेतों में मिले थे।

इस मामले का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर खुलासा कर लिया, जिसमें चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि हत्या की साजिश मृतक कृष्णपाल के बड़े भाई अजयपाल ने रची थी। संपत्ति विवाद के चलते उसने अपने नाबालिग बेटे और दो अन्य साथियों, मनीष और धनेश, को 5 लाख रुपये का लालच देकर इस वारदात को अंजाम दिया।

कृष्णपाल और नेत्रपाल, दोनों घनिष्ठ मित्र, 13 जुलाई 2025 की रात करीब 8 बजे कृष्णपाल की अपाचे बाइक पर घर से निकले थे। परिजनों के अनुसार, वे घर के पास लगी सबमर्सिबल पंप बंद करने की बात कहकर गए थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। रात 9:15 बजे कृष्णपाल के बड़े भाई अजयपाल ने फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई और बाद में दोनों के मोबाइल बंद हो गए। 14 जुलाई की सुबह 8:30 बजे, गांव पुरामना में धान के खेतों में काम कर रहे किसान कन्हैया को धनौली नहर की पटरी पर कृष्णपाल का शव मिला। करीब 25-30 मीटर की दूरी पर नेत्रपाल का शव भी झाड़ियों में छिपा हुआ पाया गया। दोनों के सिर पर धारदार हथियार और लोहे की रॉड से गहरे घाव थे, और नेत्रपाल के हाथ-पैर कपड़े से बंधे थे।

घटनास्थल से पुलिस ने एक खोखा कारतूस, शराब की बोतल, डिस्पोजल गिलास, पानी का पाउच, और गुटखा बरामद किया, जिससे प्रथम दृष्टया शराब पार्टी के बाद हत्या की आशंका जताई गई। कृष्णपाल की बाइक घटनास्थल से 150-200 मीटर दूर सड़क किनारे मिली, लेकिन दोनों के मोबाइल गायब थे। हत्या के बाद शवों को घास और कूड़े से छिपाने की कोशिश की गई थी।

ग्रामीणों का आक्रोश और जाम:
दोहरे हत्याकांड की सूचना पर सैकड़ों ग्रामीण और परिजन मौके पर जुट गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने शवों को अछनेरा चौराहे पर रखकर भरतपुर मार्ग पर जाम लगा दिया और हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। करीब एक घंटे तक सड़क ठप रही। अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह, डीसीपी पश्चिमी अतुल शर्मा, एसडीएम किरावली नीलम तिवारी, और एसीपी अछनेरा गौरव सिंह ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया और शीघ्र खुलासे का आश्वासन दिया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

पुलिस जांच और खुलासा:
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार के निर्देश पर डीसीपी पश्चिमी अतुल शर्मा के नेतृत्व में चार टीमें (थाना पुलिस, एसओजी, सर्विलांस, और फील्ड यूनिट) गठित की गईं। जांच में पता चला कि हत्या का मास्टरमाइंड कृष्णपाल का बड़ा भाई अजयपाल था, जिसने पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद के चलते यह साजिश रची। अजयपाल ने अपने 15 वर्षीय नाबालिग बेटे, मनीष, और धनेश को 5 लाख रुपये का लालच देकर हत्या के लिए तैयार किया। मनीष ने नया सिम खरीदकर नेत्रपाल को पार्टी के बहाने बुलाया। दोनों दोस्तों को शराब पिलाई गई, फिर तमंचे से गोली चलाई गई, जो मिस हो गई। इसके बाद लोहे की रॉड से प्रहार कर उनकी हत्या की गई।

पुलिस ने अजयपाल, उसके नाबालिग बेटे, मनीष, और धनेश को गिरफ्तार कर लिया। हत्या में प्रयुक्त तमंचा, कारतूस, और मृतकों के मोबाइल फोन बरामद किए गए। अजयपाल ने पूछताछ में कबूल किया कि संपत्ति बंटवारे को लेकर कई बार पंचायत हुई, लेकिन वह फैसले से संतुष्ट नहीं था और पूरी जमीन पर कब्जा चाहता था। नेत्रपाल, जो अछनेरा थाने का हिस्ट्रीशीटर था, कृष्णपाल का दोस्त होने के कारण इस वारदात में मारा गया, हालांकि उसकी हत्यारों से कोई रंजिश नहीं थी।

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