
आगरा के फतेहाबाद कस्बे की विजय नगर कॉलोनी में 30 अप्रैल को 8 वर्षीय अभय प्रताप के अपहरण और हत्या के मामले ने इलाके में सनसनी मचा दी है। 80 दिन बाद, 19 जुलाई को राजस्थान के धौलपुर जिले के मनियां थाना क्षेत्र में एक खेत में प्लास्टिक की बोरी में दबा हुआ अभय का शव बरामद हुआ।

शव के घर पहुंचते ही परिजनों और स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा, और उन्होंने आगरा-फतेहाबाद मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया, पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आरोपियों के एनकाउंटर की मांग की।
विजय नगर कॉलोनी निवासी विजय प्रकाश के 8 वर्षीय बेटे अभय प्रताप, जो कक्षा एक का छात्र था, 30 अप्रैल 2025 को शाम करीब 4 बजे घर के पास खेलते समय लापता हो गया था। परिजनों ने फतेहाबाद थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने सर्विलांस, एसओजी, और डॉग स्क्वॉड सहित कई टीमों को बच्चे की तलाश में लगाया था। जांच के दौरान 24 जून 2025 को पहली फिरौती की चिट्ठी मिली, जिसमें 80 लाख रुपये की मांग की गई थी। परिजनों ने चिट्ठी की लिखावट के आधार पर एक संदिग्ध की पहचान की, जो परिवार का परिचित और स्थानीय परचून की दुकान चलाने वाला था। इसके बावजूद, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई नहीं की।
आरोपियों ने बाद में चार और चिट्ठियां भेजीं, जिसमें फिरौती की राशि बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई और धमकी दी गई कि विरोध करने पर अभय को गोली मार दी जाएगी। पुलिस ने संदिग्धों की कॉल डिटेल और लोकेशन की जांच शुरू की, और एक मुखबिर की सूचना के आधार पर 19 जुलाई 2025 को धौलपुर के मनियां थाना क्षेत्र में एक खेत में खुदाई की, जहां अभय का शव प्लास्टिक की बोरी में दबा मिला। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया, और परिजनों को सूचित किया गया।
स्थानीय लोगों का आक्रोश और जाम:
19 जुलाई 2025 की रात, जब अभय का शव विजय नगर कॉलोनी पहुंचा, परिजनों और स्थानीय लोगों में कोहराम मच गया। गुस्साए लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आगरा-फतेहाबाद मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया। तकरीबन एक घंटे तक सड़क ठप रही। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पहली फिरौती की चिट्ठी मिलने के बाद संदिग्ध को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया, जिसके कारण अभय की जान चली गई। उन्होंने आरोपियों के जल्द एनकाउंटर की मांग की। फतेहाबाद थाना पुलिस और एसीपी फतेहाबाद अमरदीप लाल मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया।
पुलिस की कार्रवाई और जांच:
एसीपी फतेहाबाद अमरदीप लाल ने बताया कि शव बरामद कर लिया गया है, और हत्या की वजह फिरौती न मिलना प्रतीत होती है। पुलिस ने संदिग्ध की पहचान कर ली है, जो परचून की दुकान चलाता था और परिवार का परिचित था। संदिग्ध और उसके साथियों की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस और धौलपुर की मनियां थाना पुलिस संयुक्त रूप से दबिश दे रही है। मनियां थाना एसएचओ रामनरेश मीणा ने कहा कि परिजनों के आने के बाद शव की पहचान और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 302 (हत्या) और 364(ए) (फिर stacked with ransom) के तहत मामला दर्ज किया है।
आरोपों और लापरवाही का विवाद:
परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया, खासकर यह दावा करते हुए कि पहली फिरौती की चिट्ठी में लिखावट से संदिग्ध की पहचान होने के बावजूद पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की। विजय प्रकाश ने बताया कि संदिग्ध उनके परचून की दुकान पर काम करता था और परिवार को अच्छी तरह जानता था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पुलिस ने शुरुआती शिकायत को गंभीरता से लिया होता, तो बच्चे की जान बच सकती थी। यह मामला यूपी में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, क्योंकि इसी तरह की लापरवाही अन्य मामलों में भी देखी गई है, जैसे फरीदाबाद में 11 वर्षीय विनय की हत्या (10 मार्च 2025) और प्रयागराज में 15 वर्षीय बच्चे की हत्या (23 सितंबर 2023)।