
प्रयागराज के मेजा थाना क्षेत्र के बेदौली गांव में बुधवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। गांव की आदिवासी बस्ती के चार मासूम बच्चों के शव ईंट भट्ठे के पास मिट्टी खुदाई से बने पानी भरे गड्ढे में उतराते हुए मिले।

मंगलवार दोपहर से लापता इन बच्चों की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है, जबकि पुलिस हादसे और साजिश दोनों पहलुओं से जांच कर रही है।
घटना मेजा के यमुनानगर जोन अंतर्गत बेदौली गांव की है। मृत बच्चों की पहचान हुनर (5), वैष्णवी (3), खेसारी लाल (5), और कान्हा (5) के रूप में हुई। इनमें हुनर और वैष्णवी भाई-बहन थे, जबकि खेसारी और कान्हा पड़ोसी थे। मंगलवार शाम करीब 3 बजे, जब बस्ती के ज्यादातर लोग मनरेगा के काम पर गए थे, ये बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे। शाम 5 बजे तक जब वे घर नहीं लौटे, तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। मेजा पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर रात में तलाश शुरू की, लेकिन बच्चों का पता नहीं चला।
बुधवार सुबह 6 बजे बस्ती के लोगों की नजर ईंट भट्ठे के पास पानी भरे गड्ढे पर पड़ी, जहां चारों बच्चों के शव उतराते दिखे। सूचना पर एसीपी मेजा एस.पी. उपाध्याय और थाना अध्यक्ष राजेश उपाध्याय मौके पर पहुंचे। शवों को सीएचसी रामनगर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
बेदौली गांव की आदिवासी बस्ती के अधिकांश लोग ईंट भट्ठे या मनरेगा में मजदूरी करते हैं। बस्ती के पास संचालित ईंट भट्ठे के लिए मिट्टी निकालने के कारण गहरा गड्ढा बन गया था, जिसमें बारिश का पानी जमा हो गया। पुलिस की प्रारंभिक जांच में डूबने से मौत की बात सामने आई है, लेकिन परिजनों का कहना है कि बच्चों की हत्या कर शव गड्ढे में फेंके गए होंगे, क्योंकि वे बिना बताए गड्ढे में नहाने नहीं गए थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा दुख जताया और प्रभावित परिवारों की मदद के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। मेजा पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। गांव में मातम का माहौल है, और लोग इस त्रासदी से स्तब्ध हैं।