
बहराइच जिले के विशेश्वरगंज थाना क्षेत्र के पुरैना बाजार गांव में मंगलवार, 1 जुलाई 2025 को एक हृदयविदारक हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। सरयू नहर की इटियाथोक शाखा के पास सड़क निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे में बारिश का पानी भर जाने से तीन मासूम बच्चे डूब गए, जिससे उनकी मौत हो गई। मृतकों में दो सगे भाई शामिल हैं। इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया और गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

मृतकों की पहचान
मृतक बच्चों की पहचान निम्नलिखित रूप से हुई है:
- जैनुल्लाब्दीन (8 वर्ष), पुत्र मुंगरे
- दस्तगीर (10 वर्ष), पुत्र सलमान
- मोहम्मद आलम (6 वर्ष), पुत्र सलमान
दस्तगीर और मोहम्मद आलम सगे भाई थे। तीनों बच्चे पुरैना बाजार गांव के निवासी और स्थानीय परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले थे।
कैसे हुआ हादसा?
परिजनों के अनुसार, सुजानडीह गांव में परिवार के लोग खेतों में धान की रोपाई कर रहे थे। इस दौरान बच्चे भी उनके साथ थे। दोपहर करीब 12:30 बजे बच्चे खेलते-खेलते नहर के किनारे बने गड्ढे की ओर चले गए। नहर के चौड़ीकरण के लिए जेसीबी से मिट्टी निकालने के कारण वहां गहरा गड्ढा बन गया था, जिसमें सोमवार की बारिश के बाद पानी भर गया था। गर्मी से राहत पाने के लिए बच्चे इस गड्ढे में नहाने उतरे, लेकिन गहरे पानी में चले जाने के कारण वे डूब गए। अन्य बच्चों की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण और परिजन मौके पर पहुंचे और बच्चों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही विशेश्वरगंज थाना पुलिस, थानाध्यक्ष ज्ञान सिंह, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, और उपजिलाधिकारी (एसडीएम) पयागपुर अश्वनी पांडे मौके पर पहुंचे। पुलिस ने तीनों बच्चों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। ग्रामीणों के बयान दर्ज किए गए, और जांच शुरू कर दी गई है।
विशेश्वरगंज थानाध्यक्ष ज्ञान सिंह ने बताया कि दो सगे भाई दस्तगीर और मोहम्मद आलम सहित जैनुल्लाब्दीन की डूबने से मौत हुई है। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सिटी रामानंद कुशवाहा ने बताया कि नहर के चौड़ीकरण के लिए मिट्टी निकालने से गड्ढा बना था, जिसमें बारिश का पानी भर गया। बच्चे नहाने के दौरान इस गड्ढे में डूब गए। एसडीएम अश्वनी पांडे ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद दैवी आपदा के तहत अनुमन्य राहत राशि परिजनों को जल्द उपलब्ध कराई जाएगी।
लापरवाही पर सवाल
ग्रामीणों और सोशल मीडिया पर लोगों ने इस हादसे के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, पीडब्ल्यूडी ने गड्ढे से अपना संबंध होने से इनकार किया है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण और नहर चौड़ीकरण के लिए खोदे गए गड्ढों को ठीक नहीं किया गया, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
गांव में मातम का माहौल
तीनों मासूमों की एक साथ मौत से पुरैना बाजार और सुजानडीह गांव में मातम छा गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और ग्रामीण पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने में जुटे हैं। इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश के बाद खुले गड्ढों और नहरों के खतरे को उजागर कर दिया है।