
आजमगढ़ जिले के जहानागंज थाना क्षेत्र के सरदार वल्लभभाई पटेल नगर, चकिया मुस्तफाबाद में मंगलवार, 1 जुलाई को एक दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। पारिवारिक कलह और शराब के नशे में धुत नीरज पांडेय (32) ने अपनी मां चंद्रकला (55), बेटी शुभी (7), और बेटे संघर्ष (4) को गोली मार दी, और फिर खुद को भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

इस भयावह वारदात में नीरज, उसकी मां और बेटे की मौत हो गई, जबकि बेटी शुभी गंभीर हालत में जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है।
क्या थी पूरी घटना?
नीरज पांडेय वाराणसी में एक पेट्रोल पंप पर काम करता था और अपने परिवार के साथ वहीं रहता था। स्कूल की गर्मी की छुट्टियों के दौरान उसकी पत्नी माधुरी बच्चों—शुभी और संघर्ष—के साथ जहानागंज स्थित अपने गांव आई थी। सोमवार को नीरज भी छुट्टी लेकर घर पहुंचा। बताया जाता है कि सोमवार शाम को उसका पत्नी से किसी बात पर विवाद हुआ, जिसे माता-पिता ने सुलझा दिया। मंगलवार सुबह फिर से पति-पत्नी में कहासुनी हुई। इसके बाद नीरज नाराज होकर घर से निकल गया और दोपहर करीब दो बजे शराब के नशे में घर लौटा।
पड़ोसियों के अनुसार, नीरज ने अपने बच्चों को आईसक्रीम लाकर दी। इसके बाद उसने बच्चों को कमरे से बाहर निकाला और पत्नी माधुरी से फिर विवाद शुरू किया। माधुरी ने भागकर अपनी जान बचाई। बीच-बचाव करने आई नीरज की मां चंद्रकला के पेट में उसने गोली मार दी। फिर उसने अपनी बेटी शुभी के पेट और बेटे संघर्ष के कमर के निचले हिस्से में गोली मारी। इसके बाद नीरज ने अपनी कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
मौके पर मातम, पड़ोसियों ने पहुंचाया अस्पताल
गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे। नीरज और उसकी मां की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि दोनों बच्चे लहूलुहान हालत में तड़प रहे थे। स्थानीय लोगों ने घायल बच्चों को कोल्हूखोर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां से उन्हें मंडलीय अस्पताल रेफर किया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने सार्थक (संघर्ष) को मृत घोषित कर दिया, जबकि शुभी का इलाज चल रहा है। उसकी हालत स्थिर लेकिन गंभीर बताई जा रही है।
बहनोई से विवाद और जेल की पृष्ठभूमि
पुलिस के अनुसार, नीरज का दो महीने पहले वाराणसी में अपने बहनोई से विवाद हुआ था, जिसके बाद वह असलहा लेकर उसे मारने गया था। इस मामले में चोलापुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। दो महीने पहले ही वह जेल से छूटकर आया था। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने पारिवारिक कलह और शराब के नशे को इस वारदात की मुख्य वजह बताया है। नीरज के पास अवैध पिस्तौल थी, जिसका लाइसेंस नहीं था। पुलिस ने पिस्तौल बरामद कर ली है और इसके स्रोत की जांच कर रही है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना और डीआईजी सुनील कुमार सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और नीरज की पत्नी माधुरी के बयान दर्ज किए। एसएसपी हेमराज मीना ने बताया कि नीरज लंबे समय से तनाव में था और शराब का आदी हो गया था। घटना के समय नीरज की पत्नी और पिता घर पर मौजूद थे, लेकिन नीरज ने उन पर हमला नहीं किया। पुलिस सभी पहलुओं से मामले की गहन जांच कर रही है।